झारखंड

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज, 3 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस करेंगे यशवंत सिन्हा

Renuka Sahu
2 April 2024 8:22 AM GMT
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज, 3 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस करेंगे यशवंत सिन्हा
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बढ़ती तपिश के साथ हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज हो गई हैं.

हजारीबाग : बढ़ती तपिश के साथ हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज हो गई हैं. इस कड़ी में हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की घुरी रहे यशवंत सिन्हा ने 3 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस करने की घोषणा कर यहां की राजनीति में नया भूचाल खड़ा कर दिया है. ऋषभ वाटिका में संभावित इस प्रेस कांफ्रेंस में लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस के दो विधायक अंबा प्रसाद, उमाशंकर प्रसाद अकेला और फिलवक्त भाजपा विधायक इंडी प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल की मौजूदगी रहेगी.

इस प्रेस कांफ्रेंस के निहितार्थों से इतर वह बताना मौजू होगा कि भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल को घेरने की कवायद शुरू हो चुकी है. एक तरफ जातिगत मतों के ध्रुवीकरण का प्रयास है तो दूसरी तरफ अल्पसंख्यक मतदाताओं के सहारे चुनावी नैया पार करने की पुरजोर कोशिश है. हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में यह पहली बार होगा, जब एंटी इंकैबेंसी के बजाय ध्रुवीकरण की राजनीति पर चुनाव केंद्रित होगा. 1989 से भाजपा ने जब माकूल पृष्ठभूमि तैयार की तो वह सबकुछ अपवादों को छोड़कर उसी के हिस्से में सीट आई. हालांकि इस बीच 89 में यदुनाथ पांडेय, 96 में महावीर लाल विश्वकर्मा, 98, 99, 2009 में वशवंत सिन्हा ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इस बीच 1991 और 2004 में एंटी इंकैबेंसी की वजह से भुवनेश्वर मेहता ने फतह हासिल की थी.
जातिगत मतों के ध्रुवीकरण का पहले भी हो चुका है प्रवास हजारीबाग
लोकसभा क्षेत्र में जातिगत मतों के ध्रुवीकरण का प्रयास 1980 से जारी है. तब लगभग रामगढ़ राज के हिस्से में रही इस सीट से पहली बार सीपीआई की सीट से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता तीसरे स्थान पर रहे. 84, 89 में दूसरे स्थान पर रहे भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने दंगे के बाद एंटी इंकैबेंसी की वजह से 91 में सांसद बने. वही, स्थिति फिर 2004 में बनी, जब मेहता ने केंद्रीय मंत्री रहे वेटरन नेता यशवंत सिन्हा को 1 लाख 5 हजार 329 वोटों से हराया.
टेकलाल चार बार तो चंद्रप्रकाश चौधरी ने दो बार खावी मात, लोकनाथ भी हुए हैं चित
80 के दशक के बाद मतों के ध्रुवीकरण के क्रम में झारखंड आंदोलन के जाने माने चेहरे के रूप में स्थापित टेकलाल महतो ने चार बार चुनाव लड़ा लेकिन वे हर बार तीसरे स्थान पर रहे. 1991 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी महुज 64 हजार 656 वोट मिले. जबकि जेएमएम के मार्डी ग्रुप में आने के बाद 96 में उन्हें 97 हजार 816 वोटों और 98 में 1 लाख 40 हजार 58 वोटों से संतोष करना पड़ा. 99 में उन्हें जेएमएम के टिकट से महज 71 हजार 346 वोट मिले.
चंद्रप्रकाश की बात करें तो उन्होंने 2004 में आजसू से पहली बार 2004 में प्रवास किसा और उन्हें महज 36 हजार 710 मत मिले. हालांकि, 2009 में उन्हें 86 हजार 880 मत मिले. बाद में लोकनाथ महतो को आजसू ने मैदान में उतारा और वे 10 प्रतिशत वोटों में ही सिमट गए.


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