झारखंड

साइबर फ्रॉड का सरगना निकला बैंक मैनेजर, चेक की क्लोनिंग कर उड़ा लेता था ग्राहकों के रुपए

Renuka Sahu
31 March 2022 4:47 AM GMT
साइबर फ्रॉड का सरगना निकला बैंक मैनेजर, चेक की क्लोनिंग कर उड़ा लेता था ग्राहकों के रुपए
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फाइल फोटो 

झारखंड के जमशेदपुर में एक बैंक मैनेजर साइबर फ्रॉड का सरकना निकला।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के जमशेदपुर में एक बैंक मैनेजर साइबर फ्रॉड का सरकना निकला। चेक क्लोनिंग कर साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक की साकची शाखा के मैनेजर कीर्तिचंद्र खालखो (56) को गिरफ्तार कर लिया गया है। ठगी में उसकी संलिप्तता के बाद कार्रवाई की गई।

18.9 लाख की अवैध निकासी ऐसे हुई
यह घपला गोलमुरी रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी कुलदीप कौर और भगवंत सिंह के खाते से किया गया है। कुलदीप व्यापारी हैं और साकची बाजार में कपड़े का बड़ा शोरूम है। कुलदीप कौर के पति पति भगवंत सिंह की मौत एक साल पहले हो चुकी है। बैंक मैनेजर कीर्तिचंद्र को इसकी जानकारी थी। भगवंत की मौत के बाद उनके एफडी, एलआईसी, पीपीएफ के सारे पैसे इसी खाते में ट्रांसफर होकर आ गए थे। उनके नाम से पंजाब नेशनल बैंक के संयुक्त खाते से 18 लाख 90 हजार की निकासी कर ली गई थी।
क्लोन चेक से नई दिल्ली के रोहिणी आईसीआईसीआई बैंक के खाताधारक आलोक कुमार ने 9 लाख 96 हजार और हरियाणा के मानेसर स्थित आईसीआईसीआई से विष्णु यादव ने 8 लाख 94 हजार उड़ा लिए थे। ठगों ने कुलदीप के जिओ कंपनी का सिम भी हैक किया व कुलदीप वाले सिम को बंद कराकर दूसरा सिम जारी करा लिया था।
पीएनबी व जिओ कंपनी के खिलाफ किया था केस
चेक क्लोनिंग कर साइबर ठगी के मामले में पीड़ित कुलदीप कौर ने साइबर थाने में दर्ज एफआईआर में अपने बैंक पंजाब नेशनल बैंक और जिओ कंपनी दोनों को पार्टी बनाते हुए केस किया था। रुपयों की निकासी 3 मार्च को 2022 को की गई थी। इस गिरोह ने कुलदीप कौर के दो और चेक से 35 लाख 87 हजार 600 रुपये निकालने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। 5 मार्च को शहजाद नामक व्यक्ति के एसबीआई शालीमार गार्डन गाजियाबाद के अपने अकाउंट में 8 लाख 89 हजार और शुभम कुमार ने पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित एसबीआई बैंक में 26 लाख 98 हजार 600 रुपये का चेक अपने खाते में ट्रांसफर करने के लिए डाला तो बैंक ने रोक दिया था। इसके बाद ही कुलदीप कौर को ठगी के बारे में जानकारी मिली।
पुलिस जांच में पकड़ा गया मैनेजर
पुलिस ने जांच में पाया कि बैंक प्रबंधक कीर्तिचंद्र खालखो ने जिस तरह ठगों द्वारा जारी क्लोन चेक को भुगतान के लिए जारी कर दिया था। उसमें न तो चेक की वास्तविकता और न ही अधिक राशि होने के बाद चेक जिसके नाम का है, उससे ही फोन से सम्पर्क किया था। इसके लिए साइबर थाना की टीम ने जांच करते हुए तीन बार में कीर्तिचंद्र खालखो से पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान उन्होंने यह बताया था कि चेक आने के बाद उन्होंने कुलदीप कौर को कॉल किया था।
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