झारखंड

एकलव्य' का 'अंगूठा', कैसे दे आर्चरों को ट्रेनिंग

Admin4
20 July 2022 1:41 PM GMT
एकलव्य का अंगूठा, कैसे दे आर्चरों को ट्रेनिंग
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रांची. ओलंपिक और आर्चरी वर्ल्ड कप समेत दुनियाभर के सभी बड़े टूर्नामेंट में झारखंड के तीरंदाजों की मौजूदगी और पदक ज्यादा से ज्यादा हो – इसी मकसद के साथ 2018 में झारखंड में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई थी. रांची और दुमका में शुरू किए गए सेंटर में राज्यभर से चुने गए प्रतिभावान तीरंदाजों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है. नियमावली के अनुसार यहां 16 से 22 साल तक की उम्रवाले तीरंदाजों को आवासीय सुविधा देकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निखारना है. रांची में एकलव्य तीरंदाजी सेंटर की कुल क्षमता 64 तीरंदाजों को प्रशिक्षण देने की है. पर फिलहाल यहां 45 आर्चर ट्रेनिंग ले रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तीरंदाजी का प्रशिक्षण देने वाले राज्य के इस सबसे बड़े सेंटर की जमीनी हकीकत क्या है…

रांची के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यानी एकलव्य तीरंदाजी सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे पवन कुमार अग्रवाल और अमर ने बताया कि उन्हें सेंटर पहुंचने के 3 महीने के बाद भी इक्विपमेंट नहीं मिला है और न ही पौष्टिक भोजन मिल रहा है. तीरंदाजों ने जो समस्याएं गिनाईं उसकी एक लंबी फेहरिस्त है.

रांची के सेंटर फोर एक्सीलेंस की कोच डी. साईश्वरी ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में महज डेढ़ साल बचे हैं. ऐसे में इस व्यवस्था के बीच झारखंड के तीरंदाजों के लिए क्वॉलिफाई करना बड़ी चुनौती होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि मई में पहुंचे तीरंदाजों की नए बैच को अभी तक इक्विपमेंट भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. ऐसे में पिछले तीन महीनों से इन तीरंदाजों को महज फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की इस बदहाली से जुड़े सवाल को लेकर हम अधिकारियों के पास भी पहुंचे. लेकिन वहां बात करने से मना कर दिया गया.

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