रांची न्यूज: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव 1994 बैच के आईएएस राजीव अरुण एक्का की परेशानियां बढ़ गई हैं। विशाल चौधरी नामक एक पावर ब्रोकर के ऑफिस में बैठकर कथित तौर पर सरकारी फाइलें निपटाने का वीडियो वायरल होने के बाद ईडी ने उन्हें 15 मार्च को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इधर राज्य सरकार ने भी इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता इस एक सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष होंगे। वह छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। सनद रहे कि आईएएस राजीव अरुण एक्का का यह वीडियो क्लिप बीते पांच मार्च को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में जारी किया था।
इस वीडियो में एक्का एक विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर फाइल निपटाते दिख रहे हैं। इसमें एक व्यक्ति पैसे की लेनदेन को लेकर चर्चा कर रहा है। वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का के बगल में एक महिला खड़ी होकर फाइल पलट रही है। यह महिला विशाल चौधरी की स्टाफ है। वीडियो जारी होने के बाद जब सियासी हंगामा मचा तो सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया। उनके पास गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव का भी पद था। उन्हें इन पदों से भी हटा दिया गया। हालांकि राजीव अरुण एक्का ने अपनी सफाई में कहा था कि वे एक दोस्त के घर में बैठकर उसे अकाउंट्स के बारे में समझा रहे थे। उन्होंने इससे इनकार किया था कि वे वहां सरकारी फाइलें निपटा रहे थे। दरअसल यह वीडियो जिस विशाल चौधरी नामक शख्स के दफ्तर का है, वह झारखंड में सत्ता और नौकरशाही के गलियारे में पावर ब्रोकर के तौर पर जाना जाता रहा है।
ईडी ने झारखंड की पूर्व माइन्स सेक्रेटरी पूजा सिंघल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बीते साल 24 मई को विशाल चौधरी के पांच ठिकानों पर भी छापामारी की थी। ईडी ने उसे भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया था। अब ईडी को ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिसके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आईएएस राजीव अरुण एक्का की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि ईडी उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी विशाल चौधरी से उनके संबंधों के बारे में पूछताछ करेगी। एजेंसी यह भी जानना चाहेगी कि विशाल चौधरी और उनके बीच पैसे के लेनदेन का क्या मामला है?