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रांची (आईएएनएस)। झारखंड में शराब और जमीन घोटाले में एक साथ 36 ठिकानों पर छापेमारी कर रही ईडी ने राज्य के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के रांची स्थित आवास से करीब 30 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। ईडी को जानकारी मिली है कि वित्तमंत्री के पुत्र रोहित उरांव ने शराब के सिंडिकेट के धंधे में पैसा लगाया था।
ईडी की टीम ने रांची में गाड़ियों के एक शोरूम नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह के घर से करोड़ों रुपये के आभूषण बरामद किए हैं। बरामद जेवरात का मूल्यांकन किया जा रहा है। शराब और जमीन कारोबार के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की टीमें आज सुबह से सबसे बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी, गिरिडीह के पूर्व भाजपा विधायक निर्भय शाहाबादी, देवघर के भाजपा नेता अभिषेक झा, कांग्रेस नेता मुन्नम संजय, रांची के कारोबारी श्रवण जालान, आरती राय चौधरी, वैभव शाहाबादी, अमरनाथ टेकरीवाल सहित कई अन्य के रांची, देवघर, कोलकाता, गोड्डा, धनबाद, दुमका, जामताड़ा आदि शहरों में तीन दर्जन ठिकानों पर रेड मार रही है।
इस बीच ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उसके भाई अमरेंद्र तिवारी को 26 अगस्त को पूछताछ के लिए ईडी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है।
बता दें कि शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर मार्च महीने में आयकर का भी छापा पड़ा था। इस दौरान पता चला था कि उन्होंने 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग ने समन जारी कर योगेंद्र तिवारी को 27 मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर शराब कारोबारी की कंपनी के निदेशक संतोष मंडल ने 15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने की बात स्वीकार की थी।
माना जा रहा है कि आयकर विभाग ने ये सूचनाएं ईडी के साथ साझा की हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। झारखंड में शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की ईडी जांच पहले से चल रही है। झारखंड में भी शराब कारोबार में सरकार ने छत्तीसगढ़ की सरकारी कंपनी को कंसल्टेंट बनाया था।
जांच एजेंसी का मानना है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसे लेकर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई झारखंड के दो आईएएस से कुछ महीने पहले पूछताछ कर चुकी है। एक माह पहले ईडी ने शराब के नकली होलोग्राम की सप्लाई मामले में नोएडा की एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर की थी। उस एफआईआर में जिक्र है कि कंपनी ने झारखंड में भी नकली होलोग्राम की सप्लाई की।
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