रांची न्यूज: झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर मंगलवार सुबह ईडी की छापेमारी चल रही है। मनरेगा घोटाला और आय से अधिक संपत्ति मामले में अशोक नगर, सिरसा, सिवान, जमशेदपुर और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर छापेमारी हो रही है। एसीबी की टीम ने वर्ष 2019 में जमशेदपुर में वीरेंद्र राम के घर में छापेमारी की थी और इस दौरान उनके आवास से दो करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किए गये थे। इसी मामले में इडी ने चीफ इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी की है।
कई नामी और बेनामी संपत्ति है चीफ इंजीनियर के नाम:
सूत्रों का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने पद पर रहते हुए काफी नामी और बेनामी संपत्ति अर्जित की है। जमशेदपुर के शिवगंगा अपार्टमेंट और मानगो के वसुंधरा स्टेट में भी उनका एक-एक फ्लैट है। इसके अलावा जमशेदपुर के ही ग्रीन वाटिका में उनके दो डुप्लेक्स हैं। पटना और दिल्ली में भी उनकी कई बेनामी संपत्तियां हैं। बताया जा रहा है कि देश के 24 स्थानों पर ईडी का छापा चल रहा है। गौरतलब है कि वीरेंद्र राम जल संसाधन विभाग के इंजीनियर हैं लेकिन राज्य सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल में की है। जनवरी 2022 में ही राज्य सरकार ने वीरेंद्र राम को अपने कार्यो के अतिरिक्त ग्रामीण कार्य विभाग का भी चीफ इंजीनियर बना दिया। यानि इन्हें ग्रामीण सड़कों के निर्माण की भी जिम्मेदारी दी गयी। ग्रामीण कार्य विभाग में बड़े पैमाने पर इस दौरान सड़क निर्माण के लिए टेंडर निकाले गये और फाइनल भी हुए हैं। वीरेंद्र राम को चीफ इंजीनियर बनाये जाने पर कई सीनियर इंजीनियर नाराज चल रहे थे। उनका कहना था कि वे काफी जूनियर हैं और उन्हें चीफ इंजीनियर का पद दे दिया गया। जबकि,उनसे कई वरीय इंजीनियर पथ निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। राज्य सरकार से भी वे लगातार इसका विरोध जता रहे हैं।