झारखंड

जमीन की कमी के कारण भूमिगत खनन की ओर लौटना जरूरी

Admin Delhi 1
10 Jun 2023 6:19 AM GMT
जमीन की कमी के कारण भूमिगत खनन की ओर लौटना जरूरी
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धनबाद न्यूज़: कोयला कंपनियों को कोयला खनन में जमीन की तलाश में परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है. ज्यादा नहीं तो इस परेशानी से निजात के लिए कोयले का भूमिगत खनन एक बेहतर विकल्प है. ऊपर किसकी जमीन है, इसकी चिंता किए बिना कोयला कंपनियां खनन कर सकती हैं. इसी को ध्यान में रख कर कोल इंडिया की ओर से भूमिगत खनन के लिए विजन यानी रोडमैप लांच किया गया है. कम से कम 10 प्रतिशत कोयला उत्पादन भूमिगत खनन के माध्यम से करने की तैयारी है. अभी मात्र कुल कोयला उत्पादन का चार प्रतिशत ही भूमिगत खनन से कोयला मिल रहा है. कोयला खनन-सतत ऊर्जा सुरक्षा के लिए भविष्य का विकल्प विषय पर दो दिन दिल्ली में कोल इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मंथन किया गया. भूमिगत खनन के लिए विजन यानी आगे का रोडमैप भी मौके पर कोयला मंत्री ने लांच किया.

कार्यक्रम में कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों के सभी आला अधिकारी मौजूद थे. कोल इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम में कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है. देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयला क्षेत्र से उपयुक्त कार्ययोजना तैयार करने का आह्वान किया. मंत्री ने वाणिज्यिक कोयला खनन को बढ़ाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा की गई नई पहलों और सुधारों की सराहना की. वाणिज्यिक नीलामी के तहत 87 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है और उनमें से कुछ ने उत्पादन शुरू कर दिया है. भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ाने की नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श सही दिशा में उठाया गया कदम है.भूमिगत खनन के अन्य फायदे

● वन सहित पर्यावरण पर सीमित प्रभाव

● डस्ट से खनन क्षेत्र को मिलेगी मुक्ति

● कोयले की बेहतर गुणवत्ता से आयात में कमी संभव

● कुल कोयला उत्पादन का 10 भूमिगत खनन से निकालने का लक्ष्य

निजी क्षेत्र की कोल सेक्टर में धड़ल्ले से होगी इंट्री: कोयला खनन में निजी क्षेत्र की इंट्री पहले से हो रही है. अब प्राइवेट कंपनियों का और आकर्षित करने की विजन प्लान में घोषणा की गई है. कार्यक्रम में कोयला सचिव ने कहा है कि 2035-40 तक भारत को दो बिलियन टन कोयले की दरकार है. इसलिए निजी क्षेत्र को आकर्षित करना जरूरी है. साथ ही भूमिगत खनन पर ध्यान केंद्रित करना होगा. सचिव ने अपने संबोधन में कोयला खनन में अधिक निजी क्षेत्र की फर्मों को आकर्षित करने के महत्व को रेखांकित किया.

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