झारखंड

स्वाइन फ्लू से झारखंड में अब तक दर्जनों सूअरों की मौत, बढ़ा बीमारी फैलने का खतरा

Renuka Sahu
3 Aug 2022 2:29 AM GMT
Dozens of pigs have died in Jharkhand due to swine flu, the risk of spreading the disease increases
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फाइल फोटो 

प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक महीने से बड़ी संख्या में सुअरों की मौत हो रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक महीने से बड़ी संख्या में सुअरों की मौत हो रही है। प्रखंड के पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मृत्युंजय ने इसे स्वाइन फ्लू बताया है। विश्रामपुर के मोहन गंझू ने बताया कि उनकी बस्ती और आसपास के गांवों में अब तक दर्जनों सुअरों की मौत हो चुकी है।

इसके अतिरिक्ति केडी, करकट्टा, चूरी बस्ती, नवाडीह, हरहु, मायापुर, बिरसानगर, धमधमिया, विश्रामपुर, एसीसी कॉलोनी में भी बीमारी से सुअरों की मौत की सूचना लगातार मिल रही है। ग्रामीण अपने सुअरों के मरने पर उन्हें खुले में फेंक दे रहे हैं। जिसकी दुर्गंध से लोगों को काफी परेशानी हो रही है, दूसरी ओर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। खासकर धमधमिया के जंगलों में सुअरों के मरने की संख्या अधिक है।
विश्रामपुर के मोहन गंझू, जुगल मुंडा, बालो भुइयां, बचनी देवी, रीना देवी, सुनील उरांव, मुन्ना उरांव और बिरसानगर के महावीर गंझू के सुअर बीमारी से मरे हैं। सुअरों के मरने से पालकों को काफी नुकसान हुआ है।
कांके के सुअर पालन केंद्र में भी दर्जनों की मौत हुई
खलारी के भ्रमणशील पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि कांके के सरकारी सुअर पालन केंद्र में भी इस बीमारी से दर्जनों सुअर मर चुके हैं। पिछले10 दिनों में इन सबकी मौत हुई है।
ग्रामीणों को दे रहे हैं दवा : चिकित्सा पदाधिकारी
डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सुअरों की मौत की जानकारी उन्हें मिली है। स्वाइन फ्लू के कारण सुअर मर रहे हैं। वैक्सीनेशन होना चाहिए था, परंतु स्वाइन फ्लू की वैक्सीन पूना में बनती है। उन्होंने बताया कि कई ग्रामीण उनके पास आ रहे हैं और उन्हें दवा दी गई है। दवा के असर से अब सुअरों का मरना कम हुआ है।
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