राँची न्यूज़: जिला भू अर्जन पदाधिकारी, रांची के पद पर रहते हुए मुआवजा के रूप में 87.26 लाख रुपए का भुगतान में गड़बड़ी के आरोपी सौरभ प्रसाद पर विभागीय कार्यवाही चलेगी. झारखंड प्रशासनिक सेवा के प्रथम बैच के अधिकारी फिलहाल रामगढ़ में जिला परिवहन पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. विभाग द्वारा प्रसाद के विरुद्ध प्रपत्र क में गठित आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए कार्मिक विभाग ने विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है.
विभागीय अवर सचिव चिंटु दोराईबुरू ने इस बाबत संकल्प जारी कर दिया है. जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि प्रसाद जांच के लिए नियुक्त संचालन पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपने बचाव में लिखित बयान प्रस्तुत करें तथा उसकी प्रतिलिपि विभाग को भी उपलब्ध करावें. विभागीय कार्यवाही के संचालन को लेकर अपर समाहर्ता, रांची को संचालन पदाधिकारी बनाया गया है. उनके बयान में जिन आरोपों को स्वीकार नहीं किया जाएगा, उसकी जांच के लिए रिटायर आईएएस अरविंद कुमार विभागीय जांच पदाधिकारी, झारखंड नगर प्रशासन भवन, एचईसी, धुर्वा को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है.
मिली भगत से दूसरे को कर दिया मुआवजा भुगतान
कार्मिक विभाग की ओर से जारी संकल्प में कहा गया है कि तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी सौरभ प्रसाद के विरुद्ध भूमि अधिग्रहण वाद संख्या 08/2010-11 में कुल राशि 87,26,900 रुपए मुआवजा राशि का भुगतान परिवादी मंशा सिंह उर्फ राजेश सिंह को न कर किसी अन्य घसिया उरांव को किया गया. जानबूझकर निजी स्वार्थवश घसिया उरांव के दावे को स्वीकार किया गया. अपूर्ण कागजात के आधार पर भुगतान करने एवं घसिया उरांव एवं प्रसाद द्वारा कूट रचना कर मुआवजा राशि की निकासी संबंधी आरोप, जैसी की विभाग द्वारा गठित आरोप पत्र में प्रतिवेदित है. प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया है.