झारखंड

अनुपूरक बजट पर स्थानीय नियोजन नीति पर रही चर्चा

Shreya
2 Aug 2023 9:30 AM GMT
अनुपूरक बजट पर स्थानीय नियोजन नीति पर रही चर्चा
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राँची न्यूज़: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा. एक ओर जहां सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया, वहीं दूसरी ओर सूखा, स्थानीय-नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण, एसटी-एसटी कर्मियों की प्रोन्नति और कानून-व्यवस्था का मुद्दा हावी रहा. बीजेपी विधायकों के बहिष्कार के कारण उनकी अनुपस्थिति में 11,988 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित किया गया.

कटाईती प्रस्ताव पर भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा- नियोजन नीति पर सरकार कुछ नहीं कह रही है. इससे प्रदेश के युवा अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा- पूरा झारखंड जानना चाहता है कि स्थानीय कौन है? आदिवासियों और दलितों की हत्या पर सरकार चुप है. विधायक निधि की राशि नहीं मिल रही है. वर्तमान में राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है.

हालात ऐसे हैं कि एसएसपी को भी अपराधी चुनौती दे रहे हैं. इसलिए सबसे पहले भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए. चर्चा के दौरान सरकार की ओर से जवाब देते हुए वित्त मंत्री डॉ.रामेश्वर उरांव ने बताया कि अनुपूरक बजट लाने की जरूरत क्यों पड़ी. उन्होंने राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा- जब से यह सरकार बनी है, वित्तीय प्रबंधन बेहतर हुआ है. परिचर्चा में प्रदीप यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, डॉ. इरफान अंसारी, अंबा प्रसाद, मथुरा महतो व राजेश कच्छप आदि ने भाग लिया.

वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि बिजली विभाग पैसा कहां खर्च कर रहा है.

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा- अनुपूरक बजट बहुत बड़ा है. बिजली विभाग को ही 7033 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसलिए वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि जिन संस्थानों में पैसा जा रहा है और जिन संस्थानों को इस पैसे से काम करना है उनकी स्थिति क्या है.

अगर इनकी हालत अच्छी नहीं होगी तो इसका बोझ जनता को उठाना पड़ेगा. बिजली की बदहाली के कारण कर्ज लेकर काफी पैसा चुकाना पड़ रहा है. इसे कहां खर्च किया जा रहा है? यह जानने के लिए एक विशेष समिति बनायी जानी चाहिए या सीएजी से जांच करायी जानी चाहिए. दवा खरीद में काफी अनियमितता बरती गयी है, जांच कमेटी भी बदल दी गयी है. नगर निगमों और निकायों को खूब पैसा दिया जा रहा है और उनके द्वारा दिखाए जा रहे काम कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

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