झारखंड
राजधानी रांची की एक बड़ी बस्ती के आशियाने पर आफत, बारिश में बेघर होने का खतरा
Ritisha Jaiswal
25 Jun 2022 12:38 PM GMT
x
इस बार मानसून में एक बार फिर राजधानी रांची की एक बड़ी बस्ती के आशियाने पर आफत आई है.
इस बार मानसून में एक बार फिर राजधानी रांची की एक बड़ी बस्ती के आशियाने पर आफत आई है. रेलवे की जमीन पर 60 सालों से बसे कुछ घरों को तोड़ने के बाद 102 घरों को नोटिस जारी कर दिया गया है. लिहाजा खौफ के बीच इस बस्ती ने मानसून के महीनों तक मोहलत मांगी है. लेकिन, लोगों की आवाज अभी तक अनसुनी है. दरअसल रांची के एचईसी रेलवे कॉलोनी में बसे 102 घरों का 60 साल पुराना पता अब जल्द बदलने वाला है. रेलवे के साथ साथ एचईसी की जमीन पर बने 102 घरों को तोड़ने के लिए रेलवे की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है.
रेलवे की ओर से इस इलाके में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है, जिस वजह से रेलवे ने अतिक्रमण का शिकार अपनी जमीनों को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।. इसको लेकर चार मकानों को तोड़ा भी गया है. अब ऐसे में छह दशक से रह रहे बस्ती वासियों ने रेलवे से पहले पुनर्वास फिर आशियाने को तोड़ने की मांग की है. साथ ही गुजारिश की है कि कम से कम मानसून तक रेलवे की ओर से कोई कार्रवाई न की जाए.
इस बस्ती के पास रेलवे ट्रैक के किनारे कई छोटे बच्चे हाथ में तख्ती लिए नजर आते हैं, जिन पर लिखा है कि "उजाड़ने से पहले हमें बसाओ" दूसरी क्लास की छात्रा अनुष्का हाथ में तख्ती लेकर बताती हैं कि वह बारिश में अपनी किताबों को लेकर कहां जाएगी. इसलिए वह रेलवे के अधिकारियों से बरसात के महीनों में अपना घर नहीं छोड़ने की गुजारिश करती है. बस्ती की छात्रा आंचल ने मैट्रिक की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की है लेकिन नोटिस मिलने के बाद उसकी खुशियां मन में ही दबी रह गई. बस्ती के लोग बताते हैं कि जब से उन्होंने होश संभाला है उनकी पूरी जिंदगी यही कट गई. लेकिन, आज तक रेलवे की ओर से कभी भी घर तोड़ने या खाली करने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई.
बसी है 2500 लोगों की है आबादी
एचईसी रेलवे कॉलोनी में कुल 500 घर हैं. यहां करीब ढाई हजार के करीब लोगों की आबादी बसी है, जिसमें रेल ट्रैक के किनारे रेलवे की जमीन पर कई घर बने हैं तो कुछ रेलवे की जमीन से ही सटे एचईसी की जमीन पर. रेलवे की कार्रवाई के बाद खौफजदा कई लोगों ने अपनी गृहस्थी से जुड़े सामानों को बचाने के लिए खुद ही अपने आशियाने को उजाड़ दिया. वहीं रांची रेलमंडल के सीपीआरओ बताते हैं कि संबंधित जगह पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है, जिसको लेकर 102 घरों को तोड़ने को लेकर नोटिस दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि यह रेलवे की जमीन है.
Next Story