न्यूज़क्रेडिट;अमरउजाला
रांची मौसम केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि जुलाई तक कम वर्षा का कारण बंगाल की खाड़ी के उत्तर में कमजोर गतिविधि और पिछले वर्षों की तुलना में कम संख्या में हुई कम दबाव की उत्पत्ति हो सकती है।
झारखंड में पिछले नौ वर्षों की तुलना में इस बार मानसून के पहले दो महीनों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। इस वजह से राज्य सूखे जैसी स्थिति में पहुंच रहा है। स्थिति की गंभीरता पर विचार करते हुए झारखंड विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति ने इस मामले पर सोमवार को विशेष चर्चा आयोजित करने का फैसला किया है।
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि समिति ने शुक्रवार को कम बारिश की पृष्ठभूमि में किसानों और खेती की स्थिति को समझने के लिए विशेष चर्चा करने का फैसला किया है। यह किसानों के दर्द को कम करने के लिए समाधान निकालने का भी प्रयास करेगी।
राज्य में एक जून से 31 जुलाई तक 258.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस दौरान सामान्य 508.2 मिमी वर्षा होने का पूर्वानुमान जताया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रांची केंद्र के मुताबिक, 49 फीसदी कम बारिश हुई है जो 2014 के बाद सबसे कम है। जुलाई में 161.3 मिमी बारिश हुई है और यह भी 2014 के बाद से सबसे कम है।
रांची मौसम केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि जुलाई तक कम वर्षा का कारण बंगाल की खाड़ी के उत्तर में कमजोर गतिविधि और पिछले वर्षों की तुलना में कम संख्या में हुई कम दबाव की उत्पत्ति हो सकती है।