झारखंड के साहिबगंज जिला के बरहेट प्रखंड के अंतर्गत कुसमा संथाली पंचायत के केटका टोला पहाड़िया बस्ती में पिछले तीन दिनों से दर्जनों लोग डायरिया से आक्रांत हैं। बस्ती में अब तक आदिम जनजाति समुदाय की दो महिला एवं एक पुरुष की मौत हो चुकी है,जबकि एक दर्जन से अधिक लोग अभी भी बीमार हैं।आधुनिक युग में हमारे समाज में कुछ ऐसी घटनाएं घटती है,जो हमारे डिजिटल विकास के दावों को खोखला साबित कर देती है। आज भी कई ऐसे गांव है जो विकास की पहुंच से कोसों दूर है।बरहेट प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुसुम संथाली पंचायत के मेंटर गांव की यह तस्वीर विकास के हमारे खोखले दावों की पोल खोलती है। इस गांव में पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर तक सड़क भी नहीं है। इस गांव में घर के बाहर चौखट पर कीचड़ में सोमी पहाड़ीन और उसके भाई का शव घंटों ऐसे ही पड़ा रहा। दोनों में डायरिया के लक्षण थे।
बताया जाता है कि इस समय इस इलाका में डायरिया का प्रकोप है। करीब दर्जन भर लोग डायरिया की चपेट में हैं। छोटे भाई की मौत के 5 – 6 घंटे बाद सोमी पहाड़ीन की भी घर के बाहर चौखट पर अपनी जान जान चली गई। बेबो पहाड़िया का शव घर के अंदर पड़ा था,जबकि सोमी पहाड़ीन की लाश घर के बाहरवाले कीचड़मय चौखट पर ।एक ही दिन में एक घर में डायरिया से दो – दो जानें चली गई। बेवो के घर – परिवार में us दो मृतक भाई ,- बहन के अलावा बेबो की पत्नी दोगी पहाड़ीन और उसके तीन छोटे – छोटे बच्चे मंगल पहाड़िया ,सुरेश पहाड़िया और चंदा पहाड़िया भी थे, लेकिन पति और उसकी बहन की मौत और अपने तीनों छोटे बच्चों के गंभीर रूप से बीमार रहने के कारण दोगी पहाड़ीन अपना सुध- बुध खो बैठी थी। घंटों उसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें।इसके बाद उसने किसी तरह आसपास के लोगों को इस बात की जानकारी दी और तब फिर लोगों ने शब को कीचड़मय चौखठ से उठाकर खटिया पर रखा। इसके बाद सोमी और उसके भाई बेबो के शव को दफनाया गया। बताया जाता है कि इसी गांव में सूरजी पहाड़ीन की भी मौत हुई थी। उसमें भी डायरिया के ही लक्षण थे।
साहिबगंज जिला के सिविल सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि बरहेट प्रखंड की कुसमा संथाली पंचायत में तीन लोगों की मौत की खबर मिली है। प्राथमिक सूचना के अनुसार सभी लोगों में डायरिया के लक्षण थे। बाद में डीसी रामनिवास यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर और नर्स की टीम को गांव में भेजा गया है।टीम कैंप लगाकर बीमार लोगों का इलाज कर रही है।कुछ बीमार लोगों को इलाज के लिए बरहेट सीएससी भेजा गया है।
डायरिया से पीड़ित सोमी पहाड़ींन ने अपने घर की चौखट पर ही दम तोड़ दिया।उसका शव 4- 5 घंटे तक कीचड़मय चौखट पर पड़ा रहा। इससे 5 घंटे पहले उसके छोटे भाई बेबो पहाड़िया की भी इसी घर में मौत हो चुकी थी। उसका शव भी वैसे ही घंटो घर में पड़ा रहा।