झारखंड
धनबाद: विज्ञापन एजेंसियों पर निगम मेहरबान, त्योहारी सीजन में शहर की खूबसूरती बिगाड़ रहे होर्डिंग-पोस्टर
Renuka Sahu
10 Oct 2022 6:30 AM GMT
धनबाद किसी भी शहर की खूबसूरती अच्छी सड़क, हरियाली, लाइटिंग और बेहतर साफ-सफाई से बनती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धनबाद (Dhanbad) किसी भी शहर की खूबसूरती अच्छी सड़क, हरियाली, लाइटिंग और बेहतर साफ-सफाई से बनती है. धनबाद नगर निगम इसके लिये प्रयास भी कर रहा है. परंतु शहर के हर चौक-चौराहे को विज्ञापनों से पाटने की जल्दीबाजी इस प्रयास को विफल भी कर रही है. त्योहारी सीजन में शहर के चौक-चौराहों सहित सभी मुख्य और लिंक रोड पर इन दिनों होर्डिंग व पोस्टरों की बाढ़ सी आ गई है. निगम के अधिकारियों की इस कार्यशैली पर धनबाद का व्यवसायी वर्ग भी अपनी नाराजगी जता चुका है. बावजूद बेतरतीब तरीके से लगाए गए होर्डिंग-पोस्टर आने जाने वालों को नाक-भौं सिकोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं.
जितना व्यस्त बाजार, उतने अधिक होर्डिंग
बैंक मोड़, रांगाटांड़, सिटी सेंटर, रणधीर वर्मा चौक, बिग बाजार, प्रभातम मॉल ये सारे स्थल शहर के व्यस्ततम क्षेत्र की श्रेणी में आते हैं. मगर इन्हीं जगहों पर सबसे ज्यादा विज्ञापन भी नजर आते हैं. कहीं ये विज्ञापन बिल्डिंग की खूबसूरती पर सिर चढ़ कर बोल रहे हैं तो कहीं बाग-बगीचों की हरियाली को मुंह चिढ़ा रहे हैं. शहर में हर 20 मीटर पर होर्डिंग नजर आता है.
शहर में 8 किलोमीटर पर 136 यूनिपोल खड़े कर दिए गए हैं, और यह सब नगर निगम की अनुमति से संभव हुआ है. होर्डिंग के चक्कर में आईआईटी आईएसएम गेट को भी ढ़कने की कोशिश हो रही है. बैंक मोड़ में कुछ दुकानों के आगे होर्डिंग लगा दिए गए हैं. नगर निगम के इस लालची कदम पर बैंक मोड़ चेम्बर भी विरोध जता चुका है. बावजूद नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
नगर निगम इन विज्ञापन एजेंसियों पर मेहरबान क्यों
जानकारों का कहना है कि विज्ञापन एजेंसियों के प्रति निगम के अधिकारियों की नरमी के दो कारण हैं. पहला निगम को एक एजेंसी से 10 लाख से अधिक सालाना राजस्व की प्राप्ति होती है. दूसरा ये एजेंसियां अधिकारियों का भी पूरा ख्याल रखती हैं. इसके बदले एजेंसियों को कई तरह की छूट भी मिल जाती है. सेलवेल और राइजिंग एजेंसी पर तो खास मेहरबानी है. शहर में 40 से अधिक होर्डिंग इन्हीं एजेंसियों के सौजन्य से लगे हैं.
रेवेन्यू बढ़ाना जरूरी : सहायक नगर आयुक्त
निगम के सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार बताते हैं कि विगत कुछ वर्षों से निगम का कार्य क्षेत्र बढ़ा है तो खर्च भी काफी बढ़ गया है. बहुत सारे अनुबंध कर्मियों का भुगतान और सफाई पर होने वाले खर्च का भुगतान निगम स्तर पर हो रहा है. इसके लिये रेवेन्यू बढ़ाना जरूरी हो गया है. लेकिन अवैध होडिंग या मनमाने तरीके से काम करने की किसी को छूट नहीं दी जायेगी. जांच भी होगी और गड़बड़ी पकड़े जाने पर कार्रवाई भी निश्चित है.
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