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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संघर्ष और बलिदान से ही कश्मीर आज भारत का हिस्सा है
Ranchi: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर प्रदेश बीजेपी कार्यालय में श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, महान शिक्षाविद्, स्वतंत्रता सेनानी और महान देशभक्त थे. आज अगर कश्मीर भारत का हिस्सा है, तो उसके पीछे डॉ मुखर्जी का संघर्ष और बलिदान है. उन्होंने कहा था – आजाद भारत में एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे. इस नारे को साकार करने के लिये उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने पूरा करते हुए धारा 370 एवं 35A को हटाने का काम किया गया है .
डॉ मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे- बाबूलाल
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी, एवं सिद्धांतवादी नेता थे. 33 साल की छोटी सी उम्र में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गये थे. तत्कालीन भारत सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर वे संसद में विरोधी पक्ष की भूमिका निभाने लगे और कश्मीर का भारत में विलय के लिए प्रयत्न प्रारंभ कर दिया.
डॉ मुखर्जी ने देश की अखंडता के लिए अपना श्रेष्ठ बलिदान दिया- धर्मपाल
प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश की एकता एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश अखंडता के लिए अपना श्रेष्ठ बलिदान दिया. उनकी प्रेरणा से ही आज भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता राष्ट्रवाद का अलख जगाते हुए अखंड भारत के सपने संजोने में निरंतर अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
Rani Sahu
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