झारखंड
झारखंड पंचायत चुनाव के लिए जल्द होगी तारीखों की घोषणा, शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत
Deepa Sahu
20 March 2022 7:23 AM GMT
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झारखंड में जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे।
झारखंड में जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने अप्रैल-मई के बीच हर हाल में पंचायत चुनाव संपन्न कराने की योजना बना ली है। चार चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। इसकी रूपरेखा बनकर तैयार है। इसके संकेत राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दिए हैं। उन्होंने कहा है कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। झारखंड का बजट सात्र 25 मार्च तक चलेगा, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
केंद्रीय मदद ठप होने की चिंता
हेमंत सोरेन सरकार चाहती थी कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया जाए, लेकिन अभी ऐसा नहीं कर सकी है। इस काम में अभी विलंब होने की संभावना है। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि बिना आरक्षण लागू किए ही पंचायत चुनाव संपन्न करा लिया जाए। सरकार की असली चिंता केंद्रीय मदद ठप होने को लेकर है। अगर चुनाव यूं ही टलता रहा तो केंद्रीय अनुदान की क्षति हो सकती है। इसलिए राज्य सरकार अब कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है। झारखंड के पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो भी कई बार मीडिया के समक्ष यह घोषणा कर चुके हैं कि झारखंड पंचायत चुनाव हर हाल में अप्रैल-मई के बीच हो सकता है।
झारखंड का हो रहा चहुंमुखी विकास
जगरनाथ महतो अपने विधानसभा क्षेत्र डुमरी के दाैरे पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि झारखंड का चहुंमुखी विकास हो रहा है। साथ ही लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।
सरकार की इन घोषणाओं का झामुमो को मिलेगा चुनावी लाभ
सरकार को इस चुनाव से पूर्व जितनी भी घोषणाएं करनी थी, वह बजट सत्र में कर चुकी है। एक रुपये किलो दाल और किसानों को सौ यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा का लाभ सरकार पंचायत चुनाव में उठाने की कोशिश करेगी। इतना ही नहीं पेट्रोल पर 25 रुपये का अनुदान का भी लाभ सरकार को मिल सकता है। झारखंड में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे लेकिन सच तो यह है कि झामुमो, कांग्रेस, भाजपा, आजसू जैसी पार्टियां योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को हर क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार कर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेंगी। ऐसा पहले के चुनाव में भी होता रहा है।
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