
x
सेल की किरीबुरु एंव मेघाहातुबुरु प्रबंधन, पंचायत प्रतिनिधियों, सीआरपीएफ, एस्पायर आदि संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में किरीबुरु स्थित सामुदायिक भवन में अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि किरीबुरु के सीजीएम कमलेश राय, मेघाहातुबुरु के सीजीएम आरपी सेलबम, वरिष्ठ प्रबंधक रमेश सिन्हा, सीआरपीएफ-197 बटालियन की महिला कंपनी कमांडर नुपुर चक्रवर्ती, थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा, मुखिया पार्वती किडो, मुखिया लीपी मुंडा, मुखिया प्रफुल्लीत ग्लोरिया तोपनो, पूर्व प्रमुख जिरेन सिंकु, उप मुखिया सुमन मुंडू ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. इस दौरान वक्ताओं ने अपने-अपने संबोधन में आदिवासियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, नशापान, समाज में अंधविश्वास की व्याप्त कुरीतियों पर विशेष रुप से प्रकाश डाला. सभी ने कहा कि जब तक आदिवासियों के बच्चे व समाज शिक्षित नहीं होगा, तब तक उनके सर्वांगीण विकास व समाज की उन्नति में दिक्कतें आती रहेगी. कुछ वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज अपने हीं जल, जंगल, जमीन से बेदखल होते जा रहे हैं. हमारी भाषा एंव संस्कृति लुप्त होते जा रही है. विशेष साजिश के तहत शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है तथा आदिवासी बहुल सुदूरवर्ती गांवों में गुणवता पूर्ण शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है.
मंचासिन अधिकारी.
देर रात तक चला सांस्कृतिक कार्यक्रम
किरीबुरु के सीजीएम संबोधित करते हुए.
समाज को नशाखोरी के दलदल में सेठ-साहूकार एंव पूंजीपति घराने फंसाकर उनके विकास में बाधक बनी हुई है. अंधविश्वास और नशाखोरी हमारे समाज के लिये प्रारम्भ से अभिशाप बना हुआ है. इससे मुक्त होने की जरूरत है. सरकार की गलत नितियां हमारे पारम्परिक कानूनों व अधिकारों को खत्म कर हमें नौकरी आदि से भी वंचित कर रही है. अधिकारियों ने आदिवासियों की तमाम जातियों को एक साथ संगठित होने का आग्रह किया. इससे उन्हें उनका हक, अधिकार एंव पारंपरिक व्यवस्था को हासिल करने में आसानी होगी.
इस दौरान थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा ने गीत प्रस्तुत किया. फ्रांसीस लोम्गा के नेतृत्व में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में सैकड़ों लोग उपस्थित थे. देर रात तक चले इस कार्यक्रम में वर्षा की वजह से अनेक लोग उपस्थित नहीं हो सके.
Source: lagatar.in

Gulabi Jagat
Next Story