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रांची (आईएएनएस)। जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंजन और ईंधन के उत्पादन के लिए देश का पहला संयंत्र लगेगा। इसके लिए टाटा मोटर्स और कमिन्स ने झारखंड सरकार के साथ शुक्रवार को एमओयू किया।
रांची में प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित झारखंड मंत्रालय में एमओयू हस्ताक्षर के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे। इस प्रस्तावित संयंत्र को देश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट में प्रारंभिक तौर पर 354.28 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके लिए टाटा मोटर्स एवं कमिंस इंक यूएसए ने टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) नामक एक ज्वाइंट वेंचर बनाया है। यहां हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी आधारित इंटरनल कंबशन इंजन, बैटरी, फ्यूल सेल और फ्यूल डिलीवरी सिस्टम का प्रोडक्शन होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एमओयू के मौके पर कहा कि स्वच्छ ऊर्जा की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का ऐतिहासिक कदम झारखंड से उठा है। जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य वाले इस प्रोजेक्ट में सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
टाटा मोटर्स की ओर से आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि कंपनी 25 से 30 वर्ष में ऑटोमोबाइल सेक्टर में शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।
बताया गया है कि ग्रीन टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट में प्रतिवर्ष 4000 से ज्यादा हाइड्रोजन आईसी और फ्यूल अग्नोस्टिक इंजन और 10 हजार से ज्यादा बैटरी का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट में 300 से ज्यादा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लोगों का नियोजन होगा।
हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है, जिसकी क्षमता अन्य किसी भी ईंधन की अपेक्षा अधिक होती है। इसका एनर्जी लेवल अधिक होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
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