झारखंड

झारखंड में कोरोना की तेज रफ्तार, टेस्टिंग का है बुरा हाल

Rani Sahu
17 July 2022 7:22 AM GMT
झारखंड में कोरोना की तेज रफ्तार, टेस्टिंग का है बुरा हाल
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झारखंड में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है. एक महीने के अंदर ही राज्य में पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक हजार को पार कर गई है

Ranchi : झारखंड में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है. एक महीने के अंदर ही राज्य में पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक हजार को पार कर गई है. इसके बावजूद राज्य में टेस्टिंग का बुरा हाल है. इतना ही नहीं आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में भी चार दिन का समय लग जा रहा है. वह भी ऐसे समय में जब एक दिन में साढ़े 8 हजार सैंपल की टेस्टिंग राज्य भर में हो रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जबतक रिपोर्ट आएगी तबतक पॉजिटिव व्यक्ति कई लोगों को इंफेक्शन बांट चुका होगा. यहीं वजह कि राज्य में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी है.

चार दिन बाद कंट्रोल रूम ने दी सूचना
राजधानी में एक डॉक्टर को कोविड के कुछ लक्षण दिखाई दिए. चार दिन पहले उन्होंने एंटीजेन टेस्ट कराया तो उसमें रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद सैंपल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेज दिया गया. इस दौरान उन्होंने एहतियात बरतते हुए कुछ दवाएं ली और फिर से मरीजों को कंसल्टेशन देने में जुट गए. शनिवार को डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से उन्हें पॉजिटिव होने की सूचना दी गई. तबतक वह कई लोगों के संपर्क में आ चुके थे. ऐसे ही कई और भी लोग है जिनकी रिपोर्ट आने तक वे कई लोगों को इंफेक्शन बांट चुके होंगे.
16 दिन में कोरोना से 5 की मौत
कोरोना की रफ्तार तो तेज हो गई है. वहीं कोरोना से मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. फिर भी लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है. पिछले 16 दिनों में ही कोरोना से 5 लोगों की मौत हुई है. अबतक कोरोना से राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 5325 पहुंच चुका है. ऐसे में कोरोना को हल्के में लेना गंभीर साबित होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया है. फिर भी राज्य में स्वास्थ्य विभाग टेस्टिंग की रफ्तार नहीं बढ़ा रहा है. जैसे ही टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ेगी तो ज्यादा संख्या में मरीज सामने आएंगे.
नए वैरिएंट की झारखंड में पुष्टि
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि राज्य में हो चुकी है. रिम्स में कुछ दिन पहले हुए जीनोम सीक्वेंसिंग में 96 सैंपल की टेस्टिंग की गई थी. जिसमें 80 लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के पाए जाने की बात कही गई थी, जबकि तीन लोगों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया था. ये सैंपल दिसंबर 2021 से लेकर जून 2022 तक के थे. इसके बाद रिम्स ने अलर्ट जारी किया था कि लोग संभल जाए. चूंकि कोरोना को ओमिक्रॉन वैरिएंट अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है.


Rani Sahu

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