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रांची : पुलिस हिरासत में मरने वाले दो लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. इसकी जानकारी गृह विभाग के सचिव अभिनाश कुमार ने आदेश जारी करते हुए दिया है. जारी आदेश के मुताबिक, धनबाद में पुलिस हिरासत में रहने के दौरान मरने वाले एक व्यक्ति उमेश सिंह के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजा दिया जायेगा. इसके साथ ही गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र में आत्महत्या करने वाले ट्रक चालक मो. शकील के परिजनों को 3 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. गृह सचिव ने दोनों जिला के डीसी को मुआवजा देने का निर्देश दे दिया है.
पुलिस हिरासत में हुई थी उमेश सिंह की मौत
बता दें, धनबाद में साल 2015 को जून में उमेश सिंह नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था. जिसे घनुडीह ओपी के प्रभारी हरिनारायण राम के निर्देश पर घनुडीह चौकी के मुंशी पवन सिंह हिरासत में लिया था. वहीं जब उसके अगले दिन उमेश सिंह अपने घर नहीं लौटे तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की. इस बीच उसका शव घनुआडीह जोरिया के पास पड़ा मिला था. जिसके शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए थे. परिजनों के मुताबिक शव सिर्फ अंडरगारमेंट पहने मिला था जबकि उसकी शर्ट पुलिस स्टेशन के लॉकअप में मिली थी. वहीं, मृतक की पत्नी ने झरिया पुलिस स्टेशन में हरिनारायण राम, सतेंदर कुमार, पवन सिंह सहित अज्ञात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. लेकिन अनुसंधानकर्ता ने करीब डेढ़ साल से भी अधिक समय तक याचिकाकर्ताओं का बयान दर्ज नहीं किया. जिसके बाद मामले की जांच CID से कराई गई. जिसमें CID ने पुलिस अधिकारियों को दोषमुक्त किया था.
दिल्ली के ट्रक चालक सरिया थाने में लगाई थी फांसी
वहीं गिरिडीह जिले में साल 2019 के 20 फरवरी को एक ट्रक चालक मो. शकील ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. दरअसल, इस व्यक्ति को लोगों ने संदिग्ध अवस्था में सरिया थाना क्षेत्र के बागोडीह गांव एक व्यक्ति के घर के छत पर पाया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने युवक की पकड़कर पिटाई कर दी थी. मामले की जानकारी बाद में जिला के सरिया थाना हाजत को दी. जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था.
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