झारखंड

परिजनों को मुआवजा और एक आश्रित को मिलेगी नौकरी, आक्रोशित ग्रामीणों और रेलवे अधिकारियों के बीच बनी सहमति

Admin4
13 July 2022 6:08 PM GMT
परिजनों को मुआवजा और एक आश्रित को मिलेगी नौकरी, आक्रोशित ग्रामीणों और रेलवे अधिकारियों के बीच बनी सहमति
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धनबाद: कोयलांचल धनबाद में प्रधानखंता स्टेशन के समीप हुए हादसे (Dhanbad Pradhankhanta Accident) के बाद रेलवे अधिकारी और ग्रामीणों के बीच लगभग 12 घंटे के बाद सहमति बन गई है. सहमति के बाद सभी चारों शवों को बाहर निकाल लिया गया. जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है. घटना मंगलावार देर रात की है.

कैसे हुआ हादसा: धनबाद रेल मंडल (Dhanbad Rail Division) में रेलवे की लापरवाही का एक बड़ा नमूना मंगलवार की देर रात देखने को मिला. जहां पर निर्माणाधीन अंडरपास पर बगल से गुजर रही एक मालगाड़ी के बाद अंडरपास के नीचे मिट्टी भर भराकर गिर गई, जिसमें छह मजदूर दब गए. 2 मजदूर किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रहे लेकिन, 4 मजदूर मिट्टी में दबकर अपनी जान गंवा बैठे.

रेलवे अधिकारियों के देर से पहुंचने पर आक्रोशित हुए ग्रामीण: घटना लगभग 9:00 बजे की है लेकिन, रेलवे के अधिकारी देर रात 11:00 बजे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे, जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया. स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों व रेलवे अधिकारियों के बीच रात में जमकर तीखी नोकझोंक भी देखी गई. ग्रामीणों ने शव को बाहर निकालने से मना कर दिया. रात में ही बातचीत की कई दौर चली लेकिन, सहमति नहीं बन पाई. अंततः बुधवार सुबह को तकरीबन 9:00 बजे सहमति बनी. सहमति के अनुसार मृतक के परिजनों को 20,00,000 रुपए दिए जाएंगे साथ ही साथ कॉन्ट्रैक्ट के अधीन रेलवे में एक आश्रित को नौकरी भी दी जाएगी. फिलहाल आश्रितों को दाह संस्कार के खर्च के तौर पर 50000 दे दिए गए हैं.

क्या कहते हैं मृतक के आश्रित: जब इस पूरे मामले में मृतक के आश्रित से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्थाई नौकरी (Temporary Job) हमें नहीं चाहिए. पूरे परिवार का जिम्मा हमारे पिताजी पर था और अब पूरा परिवार का जिम्मा मेरे ऊपर है ऐसे में अस्थाई नौकरी से कुछ नहीं होने वाला. मुझे हर हाल में स्थाई नौकरी (Permanent Job) ही चाहिए. फिलहाल सभी शवों को बाहर निकाल लिया गया है और पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया गया है.

मजदूरों को नहीं उपलब्ध कराई गई थी सुरक्षा: स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जितने भी मजदूर कार्यरत थे और जिनकी मौत हुई है, सभी बगल के गांव छाताकुल्ही के ही रहने वाले हैं. मजदूरों को किसी प्रकार की सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी. घटनास्थल पर सुरक्षा मानकों की भी अनदेखी की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी दुर्घटना को लेकर रेलवे किस प्रकार की कार्रवाई आगे आने वाले दिनों में करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी.

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