कोल इंडिया चेयरमैन और निदेशकों ने संशोधित नियमावली को किया जारी
धनबाद न्यूज़: कोयला कंपनियों में फाइल या बिल लटकाना आसान नहीं होगा. फाइल या बिल लटकाने वाले अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय होगी. 45 साल बाद कोल इंडिया ने वित्त नियामावली(फाइनेंस मैनुअल) में व्यापक बदलाव किया है. कोलकाता में कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल की अध्यक्षता में अद्यतन वित्त नियमावली का विमोचन किया गया. कंपनी की ओर से कहा गया है कि अद्यतन वित्त नियमावली विभिन्न नीतियों का एक संशोधित संकलन है. यह अधिक पारदर्शिता, तेज और कुशल निर्णय लेने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
वित्त नियमावली को चेयरमैन के साथ निदेशकों में विनय रंजन, डॉ बी वीरा रेड्डी, एसके मेहता, सीवीओ बृजेश त्रिपाठी आदि मौजूद थे. मामले पर कोल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक 1977 में बने वित्त नियमावली के तहत काम हो रहा था. इधर वित्तीय व्यवस्था में कई नई चीजें मसलन डिजिटल, ईआरपी के साथ-साथ बिलिंग पैटर्न आदि में काफी बदलाव हुआ है. नए वित्त नियमावली की सख्त दरकार महसूस की जा रही थी, जिससे पारदर्शी एवं त्वरित ढंग से काम हो सके. नई नियमावली में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है. किसी फाइल या बिल को तय समय से ज्यादा दबा कर नहीं रखा जा सकता है. वित्तीय गतिविधियों चाहे आउटसोर्सिंग कंपनियों को भुगतान, वेतन, खरीदारी या कुछ हो, उसकी ऑनलाइन ट्रैकिंग होगी.
बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता कमेटी के चेयरमैन
संशोधित वित्त नियमावली के तहत काम करने में किसी तरह की परेशानी, संशोधन या सुझाव आदि के लिए एक कमेटी गठित की गई है. कमेटी के चेयरमैन बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता को बनाया है. नियमावली में संशोधन आदि की जिम्मेदारी सीएमडी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की है. कोल इंडिया एफडी, सीएमडी मीट, कोल इंडिया बोर्ड आदि से स्वीकृति के बाद लांच किया गया.