झारखंड
CM हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- मैं आदिवासी का बेटा, हमारे डीएनए में डर की कोई जगह नहीं
Renuka Sahu
27 Aug 2022 1:09 AM GMT
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फाइल फोटो
राज्यपाल रमेश बैस के निर्णय आने के इंतजार के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को भाजपा पर हमलावर दिखे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्यपाल रमेश बैस के निर्णय आने के इंतजार के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को भाजपा पर हमलावर दिखे। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेन के नाम खनन लीज मामले में उन्हें विधायकी से अयोग्य किये जाने से संबंधित मंतव्य राज्यपाल को सौंप दिया है। इसके बाद सभी की निगाहें राजभवन की ओर से जारी होने वाले अयोग्यता से संबंधित आदेश पर टिकी रहीं कि वह कब इसे आयोग को भेजेंगे।
हालांकि अभी तक यह आदेश जारी नहीं हुआ है। इधर, सियासी सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री ने लातेहार के महुआडांड़ के टूटूआपानी में आयोजित एक कार्यक्रम में विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि हम आदिवासी के बेटे हैं। इनकी चाल से हमारा रास्ता न रुका है, न हम कभी इनसे डरे हैं। हम आदिवासियों के डीएनए में डर की कोई जगह ही नहीं है।
मुख्यमंत्री ने महुआडांड़ में योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भाजपा पांच महीने से उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रही है। भाजपा वाले हर तरह के हथियार चला रहे हैं। उन्होंने मेरी गर्दन पर आरी तक चलाने का प्रयास किया, लेकिन उनका हर औजार टूट जा रहा है क्योंकि मैं आदिवासी का बेटा हूं। झारखंड का बेटा हूं। कोई इतनी आसानी से नहीं तोड़ सकता है। केंद्र सरकार हमारी रॉयल्टी का लाखों-करोड़ों दबा कर बैठी है। जब हमने इसकी मांग की तो वह जांच एजेंसी से परेशान करने लगी। इससे पहले भाजपा डबल इंजन की सरकार बनाकर हक मारी करती रही।
राजभवन से षड्यंत्र, भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देंगे
हेमंत सोरेन ने कहा कि राजभवन से षड्यंत्र रचा जा रहा है। मुझे पता नहीं कल क्या होगा? लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि भाजपा को हर मोर्चे पर जवाब दूंगा। लोगों से कहा कि आपका साथ और विश्वास ही उनकी ताकत है। सीएम ने अपने पिता शिबू सोरेन के विरुद्ध लोकपाल में हुए केस का भी जिक्र करते हुए कहा कि विरोधी जितनी ताकत लगा लें, झारखंड सरकार को हिला नहीं सकते हैं।
सत्ताधारी विधायकों ने कहा, हर हाल में हेमंत के साथ
आयोग का मंतव्य राज्यपाल को मिलने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी वार-पलटवार गुरुवार से शुरू हुआ जो शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक दलों के कार्यालयों और चौक-चौराहों तक हेमंत की कुर्सी और सत्ता को लेकर गुणा-भाग किया जा रहा है। इन सबके बीच सत्ता पक्ष विधायक दल की सुबह और शाम हुई बैठक में सभी ने एकजुट होकर हेमंत के साथ खड़े होने का दावा किया है। विपक्षी दल भाजपा के नेता भी मुख्यमंत्री पर निशाना साध रहे हैं। राज्य की राजनीतिक परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है। भाजपा के नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री पर निशाना साधा जा रहा है। कहा जा रहा है कि राज्य की राजनीतिक परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है।
हमारे डीएनए में डर की कोई जगह नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, 'आदिवासी का बेटा हूं। विरोधियों की चाल से न कभी हमारा रास्ता रुका है, न हम लोग कभी डरे हैं। पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर को निकाल दिया है। हम आदिवासियों के डीएनए में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है। जो संघर्ष और राज्य के प्रति समर्पण का भाव आदरणीय गुरुजी में है, वही समर्पण भाव के साथ हम आप लोगों के बीच में हैं।'
इसलिए भेजा जा रहा है ईसीआई को निर्णय
निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि परामर्श के आधार पर गवर्नर आदेश निकालें और इस निर्णय को अधिसूचना निकालने के लिये आयोग को भेजें ताकि आयोग नोटिफिकेशन निकाल सके कि हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द की जाती है। आयोग यह अधिसूचना झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) को भेजेगा ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहराये जाने के कारण बरहेट विधानसभा सीट खाली हो गई है।
फैसला राज्यपाल के लिये बाध्यकारी
ईसीआई ने सीएम सोरेन को आरपी एक्ट, 1951 की धारा 9 (ए) के तहत दोषी मानते हुये उन्हें विधायक के पद से अयोग्य किये जाने का मंतव्य राज्यपाल रमेश बैस को सौंप दिया है। वैधानिक बाध्यता के कारण राज्यपाल के लिए चुनाव आयोग का मंतव्य मानना बाध्यकारी है। यह भी स्पष्ट है कि वह आयोग के मंतव्य में कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं।
आगे अब क्या
1. चुनाव आयोग के मंतव्य पर राज्यपाल फैसला लेकर आयोग को भेजेंगे
2. चुनाव आयोग फैसले के आलोक में अधिसूचना जारी करेगा
3. अधिसूचना झारखंड विधानसभा सचिवालय को भेजी जायेगी
4. विधानसभा सचिवालय सदस्यों के बीच यह अधिसूचना जारी करेगा
5. राज्यपाल मुख्यमंत्री को बुलाकर इस संबंध में बातचीत कर सकते हैं
सोरेन की सदस्यता जानी तय आयोग जारी करेगा अधिसूचना
राज्यपाल रमेश बैस खनन लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन को विधायकी से अयोग्य किए जाने से संबंधित अपना फैसला भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को भेजेंगे। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के फैसले के आधार पर यह माना जा रहा है कि हेमंत की विधायकी जानी तय है। अब ईसीआई हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी करेगा और इसे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजेगा।
इसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी विधानसभा अध्यक्ष को यह सूचना देंगे कि हेमंत की विधायकी रद्द कर दी गई है। बता दें कि आयोग ने हेमंत को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 (ए) के तहत दोषी मानते हुए उन्हें विधायक के पद से अयोग्य किये जाने का मंतव्य राज्यपाल को सौंप दिया है। ईसीआई का मंतव्य गुरुवार को प्राप्त होने के बाद राज्यपाल विधिक राय ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार देर रात तक हेमंत को बरहेट के विधायक से अयोग्य करने के आदेश पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं हुआ था। सूत्रों के मुताबिक यह तय माना जा रहा है कि राज्यपाल अपना आदेश शनिवार को ही आयोग को भेजेंगे।
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