झारखंड

मुख्यमंत्री 23 जुलाई 2022 को दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति 2021 का करेंगे शुभारंभ

Rani Sahu
21 July 2022 2:28 PM GMT
मुख्यमंत्री 23 जुलाई 2022 को दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति 2021 का करेंगे शुभारंभ
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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण काल के बाद झारखंड पर्यटन के क्षेत्र को फिर से पुनर्जीवित करने की राह पर अग्रसर होने जा रहा है

Ranchi : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण काल के बाद झारखंड पर्यटन के क्षेत्र को फिर से पुनर्जीवित करने की राह पर अग्रसर होने जा रहा है. राज्य के समृद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री 23 जुलाई 2022 को दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति 2021 का शुभारंभ करेंगे. इसकी मेजबानी पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखंड सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) करेगा. नीति के तहत वीकेंड गेटवे के साथ धार्मिक, इको, एडवेंचर, वेलनेस, रूरल और माइनिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने पर सरकार का ध्यान केन्द्रित होगा.

परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज झारखंड
झारखंड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है. जंगल, हरियाली से सजे पहाड़, मंत्रमुग्ध करने वाले झरने, अक्षुण्ण परम्परा और संस्कृति से लेकर सुंदर और शांत पर्यटन स्थलों की बदौलत झारखंड पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है. इसलिए राज्य में पर्यटन के फलने-फूलने के लिए एक स्पष्ट नीति का निर्धारण समय की मांग थी. नई पर्यटन नीति 2021 इस मांग की पूर्ति करता है. नई नीति पर्यटन और अर्थव्यवस्था को गति देते हुए पर्यटकों का प्रकृति के साथ अद्भुत और अविस्मरणीय मिलन का माध्यम भी साबित होगा.
पर्यटकों के सभी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान
नीति के तहत सरकार का ध्यान पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने पर है. लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट जैसे इको-सर्किट का विकास कर राज्य में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को तलाशा जायेगा. विभिन्न मेलों, त्योहारों, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की समृद्ध परम्परा और सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को रूबरू कराने का अवसर देने का प्रयास नीति के माध्यम से किया जायेगा . इस नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की श्रृंखला भी शामिल है. बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे होने के कारण झारखंड को भौगोलिक लाभ भी प्राप्त होगा और इस तरह वीकेंड गेटवे की तलाश करने वालों के लिए झारखंड एक आदर्श स्थल के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है. नीति का एक अनूठा पहलू खनन पर्यटन को बढ़ावा देना भी है.
निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन
नयी पर्यटन नीति निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है. सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस, प्रोत्साहन और सब्सिडी के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली के साथ पूरी प्रक्रिया परेशानी मुक्त हो जाएगी. बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी), बीओओटी (बिल्ट ऑन ऑपरेट ट्रांसफर), बीएलटी (बिल्ट लीज ट्रांसफर) के जरिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच एक रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी का प्रस्ताव किया गया है. विदेशी कॉर्पोरेट निकायों (ओसीबी) और एनआरआई के व्यवहार्य द्वारा विदेशी निवेश और तकनीकी सहयोग करने की प्रक्रियाओं को भी अपनाया गया है. झारखंड के पर्यटन को प्रतिभाशाली और मेहनतकश ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा. इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे.
Rani Sahu

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