झारखंड

पुल के नाम पर चुआड़ व बिरसा सेना में भिड़ंत

Admin Delhi 1
8 April 2023 9:16 AM GMT
पुल के नाम पर चुआड़ व बिरसा सेना में भिड़ंत
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जमशेदपुर न्यूज़: डोबो पुल के नामकरण को लेकर की देर रात बिरसा सेना और चुआड़ सेना के सदस्यों के बीच टकराव हो गया. भूमिज समाज की बिरसा सेना और कुड़मी समाज की चुआड़ सेना आमने-सामने आ गईं.

इसको लेकर विधि व्यवस्था बिगड़ने लगी. दोनों सेना के लोगों का डोबो पुल के पास जमावड़ा होने लगा. दोनों के समर्थक सड़क के आर-पार खड़े हो गए और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. सूचना मिलने पर स्थानीय कपाली टीओपी की ओर से बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की है.

दोनों सेना के लोग पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए. कपाली पुलिस प्रतिनिधियों को समझाने का प्रयास करती रही, लेकिन कोई भी हटने को तैयार नहीं हुआ. देर रात तक दोनों सेना के लोग विरोध करते रहे. देर रात तक दोनों पक्षों के लोग जुटते रहे.

पुल का नाम बिरसा मुंडा सेतु किया गया था ग्राम प्रधान

बिरसा सेना के प्रतिनिधि और कमारगोड़ा के ग्राम प्रधान लाल सिंह ने बताया कि जब यह पुल बना था. उसी वक्त ग्राम सभा की ओर से पुल का नाम बिरसा मुंडा सेतु रखा गया था. असामाजिक तत्वों ने बोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया था. रात चुपके से शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित कर दी गई. पुल का नामकरण उनके नाम पर कर दिया गया, जो आपत्तिजनक है. ऐसा कर भगवान बिरसा मुंडा का अपमान किया गया है. उन्हें आशंका है कि चुआड़ सेना के सदस्यों ने ऐसा किया है. पुल का नाम बिरसा मुंडा सेतु ही रहेगा. बिरसा मुंडा का सेतु से नाम हटाने वाले को जबतक प्रशासन गिरफ्तार नहीं करेगा तब तक वे लोग धरने पर ही बैठे रहेंगे.

शहीद रघुनाथ महतो का किया गया अपमान अमित महतो

चुआड़ सेना के सदस्य अमित महतो ने कहा कि बिरसा सेना के लोगों ने शहीद रघुनाथ महतो के बोर्ड पर कालिख पोती है, जो बेहद ही अपमानजनक है. मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. देश और राज्य में आज शहीद रघुनाथ महतो का शहादत दिवस मनाया जा रहा है. यहां असामाजिक तत्वों ने उनके नाम पर कालिख पोत शहीद और कुड़मियों का अपमान किया है. बिरसा सेना के लोग जब तक सार्वजनिक रुप से माफी नहीं मांगते तब तक वे लोग धरना पर बैठे रहेंगे. झारखंड राज्य बनाने में कुड़मियों का भी अहम योगदान है. शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित की गई थी और उनके नाम का बोर्ड लगाया गया. लेकिन बोर्ड पर कालिख पोत दी गई. रघुनाथ महतो की मूर्ति से किसी को परेशानी थी तो वे लोग प्रशासन के पास जाते.

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