झारखंड

रांची अनुबंध जैसे सिविल मामलों में आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता

SANTOSI TANDI
2 Oct 2023 7:07 AM GMT
रांची अनुबंध जैसे सिविल मामलों में आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता
x
आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता
झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कांट्रैक्ट जैसे सिविल नेचर के मामले में आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि केवल अनुबंध का उल्लंघन होने पर धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. जब तक कि लेनदेन की शुरुआत में धोखाधड़ी या बेईमानी का इरादा स्पष्ट न हो जाए. जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड और उसके कर्मचारियों के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया. इस मामले में आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड ने याचिका दायर की थी. याचिका में कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आपराधिक कार्यवाही निरस्त करने का आग्रह किया गया था. याचिका में कहा गया था कि इस मामले में राजीव मिश्रा नाम के व्यक्ति ने शिकायतवाद दायर किया था. कंपनी ने प्रार्थी की जमीन खरीदी थी. बदले में उसे नौकरी और पैसे देने की बात कही गई थी. लेकिन कंपनी की ओर से उसे नौकरी नहीं दी गई है जो कि उसके साथ हुए अनुबंध का उल्लंघन है.
कोलकाता के 2 व्यवसायी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज
सीबीआई की विशेष अदालत ने कोलकाता निवासी व्यवसायी विश्वनाथ अग्रवाल और सीए विशाल अग्रवाल की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है. भ्रष्टाचार के आरोप में ट्रायल फेस कर रहे रांची के पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त तापस कुमार दत्ता की अवैध कमाई के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल के मामले में दोनों ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोप मुक्त करने की गुहार लगाई थी. मामले में अब तापस दत्ता समेत पांच पर जल्द ही आरोप तय किया जाएगा. तापस दत्ता पर व्यापारियों को आयकर रिटर्न में री-असेसमेंट कर उन्हें लाभ पहुंचाने का आरोप है.
कंपनी ने अदालत को क्या बताया
कंपनी की ओर से अदालत को बकाया गया कि शिकायतकर्ता को जमीन के बदले नौ लाख रुपए का भुगतान किया गया था. कंपनी ने शिकायतकर्ता को पहले कोलकाता में नौकरी दी थी, जिसे उसने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद उसने शिकायतवाद दर्ज किया. यह मामला सिविल नेचर का है, लेकिन आईपीसी की धारा 406, 420, 379 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई. सिविल विवाद अनिवार्य रूप से सिविल नेचर का है और आपराधिक कार्यवाही शुरू करना उचित नहीं है.
Next Story