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रांची में चमकी बुखार (मैनिंगो इंसेफेलाइटिस) ने दस्तक दे दी है।
रांची में चमकी बुखार (मैनिंगो इंसेफेलाइटिस) ने दस्तक दे दी है। बुधवार को इससे रिम्स में इलाजरत तीन माह की बच्ची की मौत हो गई है। रिम्स के सूत्रों के मुताबिक, बच्ची आशी एक महीने से इस बीमारी से पीड़ित थी और उसका इलाज चल रहा था।
बच्ची दो दिन पहले अचानक कोविड-19 संक्रमित हो गई थी। अब यह समझने की कोशिश की जा रही है कि उसकी मौत चमकी बुखार से हुई है या कोरोना के कारण। रिम्स की ओर से अभी इस संबंध में आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। रिम्स में 73 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है।
क्या है चमकी बुखार
चमकी बुखार मैनिंगो इंसेफेलाइटिस इंसेफेलाइटिस है। इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है। चमकी बुखार में बच्चों के खून में शुगर और सोडियम की कमी हो जाती है। यह इतनी खतरनाक और रहस्यमयी बीमारी है कि अभी तक विशेषज्ञ भी इसकी सही-सही वजह का पता नहीं लगा पाए हैं।
इसके लक्षण
यह मुख्य रूप से 3-4 साल के बच्चों में होता है। हालांकि कई बार ये इनसे बड़े बच्चों में भी देखने को मिलता है। इसके लक्षण में मुख्य रूप से मिरगी का दौरा आना, तेज बुखार आना, शरीर में ऐंठन, ब्रेन में प्रेशर बनना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की सबसे खराब बात ये है कि इसमें अचानक मौत होती है। इसकी मृत्यु दर 50 फीसदी से भी अधिक होती है।
Deepa Sahu
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