झारखंड

झारखंड में तैयार होगी स्कूली बच्चों की शिशु पंजी, घरों का होगा हाउस होल्ड सर्वे

Renuka Sahu
7 Jan 2022 3:28 AM GMT
झारखंड में तैयार होगी स्कूली बच्चों की शिशु पंजी, घरों का होगा हाउस होल्ड सर्वे
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फाइल फोटो 

झारखंड के स्कूली बच्चों की शिशु पंजी अपडेट की जाएगी। इसके लिए सभी घरों का सात जनवरी से हाउस होल्ड सर्वे शुरू होगा, जिसे 25 जनवरी तक पूरा करना होगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के स्कूली बच्चों की शिशु पंजी अपडेट की जाएगी। इसके लिए सभी घरों का सात जनवरी से हाउस होल्ड सर्वे शुरू होगा, जिसे 25 जनवरी तक पूरा करना होगा। छह से 18 साल के बच्चों का सर्वे होगा। यह सर्वे डहर एप के माध्यम से घर-घर जाकर किया जाएगा। हाउस होल्ड सर्वे प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक करेंगे। स्कूल पोषक क्षेत्र में पड़ने वाले सभी घरों को शिक्षकों के बीच बांटा जाएगा। जिस शिक्षक के हिस्से में जितने घर मिलेंगे वे उन्ही घरों जाकर सर्वे करेंगे और डहर एप में उसे अपलोड करेंगे।

सर्वे के दौरान शिक्षक सामाजिक दूरा का पालन करेंगे और मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करेंगे। इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने सभी जिलों से कहा है कि सात जनवरी से 25 जनवरी तक बच्चों की शिशु पंजी अपडेट करने के लिए हाउस होल्ड सर्वे होना है। सात से 10 जनवरी तक शिशु पंजी अपडेट करने की जानकारी शिक्षकों को दे दी जाए, ताकि इसमें उन्हें परेशानी न हो।
स्कूल के पोषक क्षेत्र के घरों का हाउस होल्ड सर्वे नहीं करने वाले प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। शिक्षक अपने मोबाईल पर डहर एप डाउनलोड करेंगे और उस पर बच्चों की जानकारी अपडेट करेंगे।
प्रखंड के पदाधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग
- सभी घरों के हाउस होल्ड सर्वे का जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। डहर एप में अपलोड की जाने वाली जानकारी का वेरिफिकेशन प्रखंड स्तर के अधिकारी कम से कम पांच स्कूलों और 10 घरों में जाकर करेंगे। यह टीम 10 जनवरी से 25 जनवरी तक संबधित शिक्षकों को सहयोग करेगी।
45 दिन स्कूल नहीं आने वाले होंगे ड्रॉप आउट
- शिशु पंजी अपडेट करने के लिए छह से 18 वर्ष के बच्चों का हाउस होल्ड सर्वे होगा। 11-18 साल के वैसे बच्चे जिनके लिए 24 सितंबर 2021 से स्कूल खोले गए थे वे अगर चार जनवरी 2022 तक 45 दिन स्कूल नहीं आए होंगे तो ड्रॉप आउट कहलाएंगे। वहीं, सात से 14 साल के वैसे बच्चे जो कभी स्कूल में नामांकित नहीं हुए हैं वे आउट ऑफ स्कूल कहलाएंगे। छह से सात साल के बच्चे आउट ऑफ स्कूल नहीं कहलाएंगे। ये बच्चे प्राथमिक क्लास में नामांकन के योग्य हैं।
ऐसे बच्चों का भी सर्वे किया जाएगा कि नामांकन के योग्य होने के बाद भी कितने बच्चे नामांकित नहीं हैं। सात से 10 साल के वैसे बच्चे जो स्कूल में नामांकित हैं, लेकिन सत्र 2021-22 में छात्रों को मिलने वाले पोशाक, पुस्तक, स्कूल किट का लाभ नहीं लिये होंगे, वे ड्रॉप आउट कहलाएंगे। अगर बच्चा ऑनलाइन क्लास, डिजिटल कंटेट, डीजी साथ या डीजी स्कूल एप से 30 दिनों से नहीं जुड़ा हो तो भी वह ड्राप आउट की श्रेणी में आएगा।
इसके अलावा बच्चा अगर छह माह में चार मंथली टेस्ट और एक माह में किसी साप्ताहिक क्विज में शामिल नहीं हुआ हो तो भी ड्रॉप आउट हो जाएगा। वहीं, अगर कोई शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चा स्कूल में नामांकित है और स्कूल आने में असमर्थ है तो उसका नाम नहीं काटा जाएगा। वह बच्चा नामांकित माना जाएगा और उसे स्कूल में दी जाने वाली सारी सुविधाएं दी जाएगी।
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