बाल संप्रेषण गृह ने भटके बच्चों को दिखाई नई राह, मैट्रिक में मिली शानदार कामयाबी
रांची, 25 मई (आईएएनएस)। कच्ची उम्र में भटक कर अपराध की राह पर चल पड़े किशोरों को सही मार्गदर्शन मिला तो उन्होंने कमाल कर दिया। झारखंड के गुमला, लोहरदगा और पलामू जिले के संप्रेषण गृहों में रहे डेढ़ दर्जन किशोरों ने मैट्रिक की परीक्षा में कमाल की कामयाबी हासिल की है। इनमें से कइयों ने फस्र्ट डिविजन हासिल किया है। परीक्षा में कामयाब होनेवाले बच्चे अब पढ़-लिखकर डॉक्टर-इंजीनियर तथा सरकारी सेवाओं में जाने का सपना देख रहे हैं। झारखंड मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा का रिजल्ट दो दिन पहले जारी किया गया है।
सबसे बेहतर प्रदर्शन गुमला जिला स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में बंद किशोरों ने किया है। यहां नौ को फस्र्ट डिविजन में सफलता मिली है। कुछ ने 70 प्रतिशत तक अंक हासिल किए हैं। गुमला संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक अविनाश गिरि ने बताया कि सभी किशोरों की पढ़ाई संप्रेक्षण गृह में ही हुई है। इसके लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।