x
झारखण्ड | टीएमएच में इलाज के दौरान को डेंगू पीड़ित एक 8 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. गुस्साए परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें भला-बुरा कहने लगे. परिजनों को उग्र होते देख अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की जानकारी बिष्टूपुर थाने को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया. वहीं, मृतक के परिजनों ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उनके द्वारा टीएमएच प्रबंधन को लिखित शिकायत भी की गई है.
काशीडीह स्थित नेहरू कॉलोनी निवासी सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि आठ वर्षीय पुत्र रिषू गुप्ता को डेंगू की शिकायत पर 22 टीएमएच में भर्ती कराया था. बच्चे का इलाज डॉ. दिवाकर व डा. संजय तांती कर रहे थें. उन्होंने लापरवाही बरती, जिससे बच्चे की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि बच्चे की स्थिति जानने के लिए कई बार दोनों डॉक्टरों से पूछताछ की, लेकिन एक बार भी सही ढंग से जवाब नहीं दिया गया. 23 को डॉ. दिवाकर से पूछने पर कहा कि यहां 10 में सात बच्चे की मौत हो रही है. 25 को डॉ. संजय तांती से पूछने पर कहा कि आपकी बकवास सुनने के लिए मेरे पास समय नहीं है. 26 को पूछने पर डॉ. दिवाकर ने कहा कि आपलोगों से बात नहीं करनी है. यहां से बाहर चले जाइए. इस दौरान डॉ. संजय ने गार्ड से कहा कि इनलोगों को बाहर निकालो. इसके साथ ही परिजनों ने कई आरोप लगाए.
उन्होंने आरोप लगाया कि 27 को डॉ. दिवाकर ने बताया कि बच्चे को निमोनिया है. 28 सुबह 9.15 बजे बच्चे के मुंह से खून निकलने लगा और उसकी मौत हो गई. कंपनी के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन की ओर से बच्चे की मौत पर दुख प्रकट किया गया है. साथ ही बताया गया कि बच्चे को डेंगू था और उसे प्लेटलेट्स भी चढ़ाया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया था. अस्पताल द्वारा बच्चे को बेहतर इलाज के लिए हरसंभव प्रयास किया गया पर दोपहर डेढ़ बजे उसकी मौत हो गई.
Next Story