रांची में फैल रहा चिकन पॉक्स, मेडिसिन ओपीडी में बढ़े संक्रमित
राँची न्यूज़: बदलते मौसम के बीच रांची जिले में चिकन पॉक्स (चेचक) दस्तक दे चुका है. अस्पतालों में रोजाना इसके संक्रमित मरीज पहुंच रहे हैं. राजधानी में रिम्स, सदर अस्पताल और प्रमुख डॉक्टरों के निजी क्लीनिक में संक्रमित परामर्श लेने पहुंच रहे हैं. रिम्स की बात करें तो यहां मेडिसिन ओपीडी में आने वाले मरीजों में दस फीसदी के करीब मरीज चिकन पॉक्स से संक्रमित मिल रहे हैं. वहीं, सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में आने वालों में इनकी संख्या पांच फीसदी के करीब है.
डॉक्टरों के अनुसार, यह एक वायरल संक्रमण है. इससे संक्रमित होने पर कुछ दिन बुखार रहता है, उसके बाद खांसी आती है. संक्रमण के कारण शरीर में खुजली, दाने व छाले के लक्षण पैदा होते हैं. शरीर में लाल दाने दिखाई देने लगते हैं. इससे बचने के लिए कोरोना संक्रमण में अपनाए जा रहे प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. यह संक्रामक बीमारी है, संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और उसके सीधे संपर्क में आने से यह एक से दूसरे में फैलता है.
एक्सआईएसएस के छात्र संक्रमित जेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्सआईएसएस) के 20 छात्र डंगराटोली स्थित हॉस्टल में चिकन पॉक्स के प्रभाव में आ गए हैं. इधर, संक्रमण के खतरे की संभावना को देखते हुए एक्सआईएसएस प्रबंधन ने अपने छात्रों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि जो भी छात्र चिकन पॉक्स के शिकार हुए हैं, वे अपने एचओडी को सूचना देकर घर पर रह सकते हैं. प्रबंधन ने छात्रों को यह भी कहा कि चिकन पॉक्स के हल्के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करने के बाद खुद को आइसोलेट कर लें, ताकि दूसरे व्यक्ति संक्रमित न हों.
बचाव के उपाय:
● संक्रमित होने पर आइसोलेशन में रहें
● संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
● प्रोटीन डाइट लें, मास्क लगाकर रखें
● डॉक्टरों से संपर्क बनाए रखें
क्यों फैल रहा चिकन पॉक्स
रिम्स के मेडिसिन विभाग के प्राफेसर डॉ संजय सिंह ने बताया कि चिकन पॉक्स हर्पीस वेरीसेला जोस्टर वायरस से होता है. यह इंफेक्शन वायरस ही है. इससे पहले यह इस मौसम में नहीं होता था, फिर भी पिछले कुछ दिनों से मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. मरीजों को एंटीवायरल ड्रग दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई संक्रमित तो अस्पताल पहुंचते ही नहीं. खुद से घर पर रहकर खुद का इलाज कर लेते हैं, ऐसे में दूसरे लोगों तक फैलने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि ओपीडी में आने वाले कई मरीज बता रहे हैं कि वे दूसरे के संपर्क में आकर ही संक्रमित हुए हैं. कहा कि, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए.