झारखंड

चांडिल : पुलिस-प्रशासन के ढील देते ही धड़ल्ले से होने लगी अवैध बालू की ढुलाई

Renuka Sahu
13 Oct 2022 4:58 AM GMT
Chandil: As soon as the police-administration was relaxed, illegal sand transportation started indiscriminately
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की सक्रियता व मुश्तैदी के कारण जिले में अवैध रूप से बालू व गिट्टी का परिचालन पूरी तरह से बंद था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की सक्रियता व मुश्तैदी के कारण जिले में अवैध रूप से बालू व गिट्टी का परिचालन पूरी तरह से बंद था. जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात किए गए थे. इससे अवैध कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ था. पुलिस-प्रशासन की तत्पर्यता से अवैध परिवहन पर शत-प्रतिशत अंकुश लग गया था. लेकिन अब पुलिस-प्रशासन के ढील देने के साथ ही बालू की अवैध ढुलाई ने जोर पकड़ लिया है. अंधेरा होते ही बालू की ढुलाई शुरू हो जाती है, जो अहले सुबह तक जारी रहती है. इस पर रोक लगाने के लिए क्षेत्र में अब न कोई बैरिकेडिंग है और न कहीं पुलिस बल तैनात है.

मनमाना राशि वसूल रहे बालू माफिया
प्रतिबंध के बाद भी बालू माफिया शाम ढलते ही खुले आम बालू की ढुलाई कर रहे हैं. इससे राज्य सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है. साथ ही बालू माफिया अवैध बालू का मनमाना राशि वसूल रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर जिला खनन विभाग व टास्क फोर्स आए दिन छापामारी अभियान चला रही है. लेकिन विभाग को अवैध बालू लदे ट्रैक्टर व हाईवा नहीं मिल रहे. इधर, कई वाहन मालिकों का कहना है कि बालू लदे वाहन पास करने के एवज में कई स्थानों पर पैसा देना होता है. ऐसे ही एनएच से होकर बालू लदे वाहनों का आवागमन हो रहा है.
ईचागढ़ व कुकड़ू थाना क्षेत्र में चरम पर धंधा
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के ईचागढ़ व कुकड़ू थाना क्षेत्र में बालू की तस्करी का खेल जोरों पर चल रहा है. यहां तक की प्रशासन द्वारा जब्त किया गया बालू भी सुरक्षित नहीं है. तस्कर जब्त बालू को बेचने से भी नहीं डर रहे हैं. विदित हो कि कुकड़ू थाना क्षेत्र के तिरूलडीह में प्रशासन द्वारा जब्त किया गया बालू भी धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. ईचागढ़ व कुकड़ू थाना क्षेत्र के बालू घाटों से धड़ल्ले से बालू की तस्करी हो रही है. बालू माफिया अवैध बालू की ढुलाई रात के अंधेरे में कर रहे हैं, ताकि कोई दिक्कत न हो. बालू की ढुलाई शाम आठ बजे से लेकर अहले सुबह तक की जाती है. वहीं, बालू माफियाओं की एक अलग शर्त है. अगर आपको बालू लेना है तो अधिक कीमत तो चुकानी होगी. लेकिन दिन में बालू नहीं मिलेगा. आपके घर के सामने रात के अंधेरे में बालू गिरा दिया जाएगा. ऐसे में अधिक खर्चा का हवाला देकर बालू माफिया तीन गुणा दामों पर बालू बेच रहे हैं.
एसडीओ ने दर्ज कराई थी शिकायत
चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने अवैध रूप से बालू और पत्थर खनन के मामले में जिला खनन पदाधिकारी के खिलाफ उपायुक्त से लिखित शिकायत भी की थी. एसडीओ के शिकायत के बाद उपायुक्त ने जांच कमेटी का गठन किया था. लेकिन जांचोपरांत मामले पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद अवैध कारोबार में शामिल लोगों का और हौसला बढ़ गया.
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