झारखंड
उमेश कच्छप की मौत का मामला: बाबूलाल मरांडी ने की CBI जांच की मांग
Tara Tandi
7 July 2023 12:11 PM GMT
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इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत के मामले की जांच झारखंड के बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीबीआई से कराने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'इंस्पेक्टर उमेश कच्छप भी आदिवासी थे, उनके मौत की सीबीआई जांच हो. दिवासी अफसर उमेश कच्छप ने धनबाद के तोपचांची थाने में खुदकुशी कर ली थी. मौत के पहले अपनी पत्नी से बातचीत में उमेश कच्छप ने वरीय अफसरों का नाम लेकर बताया था कि, कैसे उनके जैसे ईमानदार और सीधे साधे अफसर को एक चालक पर फर्जी केस कर रंगदारी वसूलने वाले अफसरों को बचाने का दबाव वरीय अधिकारी डाल रहे हैं.'
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा, 'इसी तनाव में उमेश कच्छप ने जान दे दी. तब सीआईडी और फोरेंसिक टीम ने पुलिस अफसरों को प्रारंभिक जांच में दोषी पाया था. लेकिन जब आदिवासी हितों की रक्षा का दावा कर करने वाली सरकार बनी तो सरकार ने आदिवासी अफसर की मौत की फाइल बंद कर दी. सरकारी अधिवक्ता ने जांच बंद करने की सलाह दे कर, इस सरकार मे क्राइम पार्टनर बन चुके एक अफसर को सीआईडी की जांच में बचाने का प्रयास किया. उमेश कच्छप की बिटिया विनीता आज अपने पिता की मौत का इंसाफ मांग रही है. उच्च न्यायालय से सीबीआई जाँच कराने का गुहार लगा रही है.
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सीएम हेमंत सोरेन पर सवाल खड़ा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने पूछा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी आप आदिवासी इंस्पेक्टर की मौत की जांच सीबीआई से क्यों नहीं कराते? मृत आदिवासी दारोग़ा के बच्ची की सीबीआई जाँच की फ़रियाद आप क्यों नहीं सुन रहे? काहे और किस गुनहगार को बचाने के लिये अपना पिता खो चुकी इस आदिवासी बच्ची को न्यायालय का चक्कर लगवा रहे हैं? हिमम्त करिये, आदिवासी हित में कलम उठाइये और उमेश कच्छप मौत के कारण की जाँच के लिये यह मामला सीबीआई के हवाले करिये. आगे आपकी मर्ज़ी.'
उमेश कच्छप की बेटी ने दाखिल की हाईकोर्ट में याचिका
बता दें कि धनबाद के तोपचांची थाना के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश कच्छप (48) की आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए उनकी बेटी विजेता कच्छप ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है. याचिका पर कल यानि 06 जुलाई को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मामले में 4 सप्ताह के अंमदर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि इस मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं कराई गई. उमेश की बेटी विजेता कच्छप ने दाखिल की गई याचिका में कथन किया है कि वर्ष 2016 की इस घटना को लेकर अब तक कोई प्राथमिकी तक नहीं दर्ज की गई है.
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