राँची न्यूज़: राजभवन के सामने पंचायत सेवकों द्वारा पुलिस पर पथराव और हंगामे को लेकर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. अनगड़ा सीओ रमेश रविदास के बयान पर कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में 20 नामजद सहित तीन सौ अज्ञात को आरोपी बनाया गया है.
प्राथमिकी में कहा गया है कि वे राजभवन स्थित जाकिर हुसैन पार्क के पास विधि व्यवस्था ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ मजिस्ट्रेट की भूमिका में तैनात थे. उसी दौरान पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश सचिव चंद्रदीप कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष पावेल कुमार उपाध्यक्ष युगल किशोर गुप्ता, आनंद कुमार गुप्ता सहित कई लोग अपने साथ ढाई सौ से तीन सौ लोगों की भीड़ लेकर राजभवन के पास पहुंच गए. सभी लोग राजभवन के मुख्य द्वार की ओर बढ़ने का प्रयास करने लगे. जिसकी वजह से मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी और पुलिस बल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. तभी उन लोगों के नेतृत्व में भीड़ ने उग्र रूप धारण करते हुए पुलिस बल को पीछे धकेलते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस बल के द्वारा उन्हें रोकते हुए नाजायज मजमा हटाने को लेकर माइक से अनाउंस भी किया गया. लेकिन इसके बावजूद वे लोग नहीं माने और प्रतिनियुक्त पुलिस बल और पूर्व से धरना पर बैठे लोगों पर जानलेवा हमला करते हुए पथराव शुरू कर दिया.
जिसमें कई पुलिसकर्मी एवं पूर्व से धरना पर बैठे आंदोलन कर्मी भी चोटिल हो गए, यह देख उन्होंने भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज का आदेश दिया.
लाठीचार्ज में कई सेवक हुए घायल: बीते पंचायत सेवक संघ के बैनर तले पंचायत सेवक अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आवास घेरने निकले थे. जिन्हें पुलिस के द्वारा राजभवन के पास ही रोक दिया गया था.
इस दौरान पुलिस और पंचायत सेवकों के बीच नोक-झोंक और धक्का मुक्की भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से राजभवन के पास लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे. पुलिस की टीम जब उन्हें रोकने का प्रयास करने लगी तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पथराव की घटना के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया. सेवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इसमें कई सेवक भी घायल हो गए.