झारखंड

कोल्हान में बढ़ रहा है कैनोइंग खेल का क्रेज

Admin Delhi 1
14 Sep 2023 6:06 AM GMT
कोल्हान में बढ़ रहा है कैनोइंग खेल का क्रेज
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जमशेदपुर न्यूज़: बर्लिन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में एक खेल को प्रतिस्पर्धा खेल के रूप में लाया गया है. इसे कैनोइंग वाटर गेम के नाम से जाना जाता है. इसमें एक बोट के माध्यम से पानी के बीच में चप्पू चलाते हुए प्रतियोगिता होती है, जिसमें सामान्य बोट की तरह ही एक बोट होती है, जिसमें खिलाड़ी कैनोइंग में घुटने के बल बैठकर चप्पू चलाते हैं. इस खले में इस्तेमाल होने वाली बोट की कीमत न्यूनतम एक से दो लाख तक होती है.

2009 से झारखंड में कैनोइंग हो रहा है. कोल्हान के लगभग लगभग 50 बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिन्हें मैथन डैम और खंडोली डैम में ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रशिक्षण के बाद प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी. इसके लिए समर कैंप ट्रेनिंग शुरू होगी. कोल्हान से जमशेदपुर के अधिकतर खिलाड़ी इस खेल की ट्रेनिंग ले रहे हैं. झारखंड कैनोइंग के अध्यक्ष एसएम हाशमी का कहना है कि इस खेल को झारखंड में बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. भविष्य में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जाएगी. एक गेम में 50 लाख का खर्च आता है और इसके लिए प्रायोजक भी नहीं मिलते हैं.

अल्पसंख्यक आयोग के गठन में नियम का उल्लंघन

झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश कुमार षड़ंगी ने अपने आवासीय कार्यालय में कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व मे महागठबंधन की सरकार द्वारा राज्य अल्पसंख्यक आयोग के गठन में नैसर्गिक न्याय का उलंघन है. जिसमें सिख, बौद्ध, जैन एवं ईसाई धार्मिक अल्पसंख्यक को समुचित स्थान नहीं दिया गया है. उन्होंने मांग की है कि इसका पुनर्गठन कर एक ओड़िया और बंगला भाषी उपाध्यक्ष नियुक्त करने के साथ दोनों समुदाय से एक-एक सदस्य नियुक्त करें.

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