झारखंड

कलकत्ता HC ने झारखंड कांग्रेस के तीनों MLA की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज की

Rani Sahu
4 Aug 2022 6:16 PM GMT
कलकत्ता HC ने झारखंड कांग्रेस के तीनों MLA की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज की
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पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 48 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किए गए झारखंड के तीन विधायकों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

रांची। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 48 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किए गए झारखंड के तीन विधायकों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तीनों की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल कर गाड़ी से रुपये बरामद होने की घटना की जांच सीबीआइ या अन्य किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपने की मांग की गई है। न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पड़ोसी राज्य झारखंड के तीन गिरफ्तार विधायकों के आवेदन को तत्काल आधार पर सुनवाई की अनुमति दे दी। इसके बाद मामले पर सुनवाई बुधवार शाम चार बजे शुरू हुई। सुनवाई के दौरान वादी पक्ष (विधायकों) की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अयन भट्टाचार्य ने अपनी दलीलें रखी।

शनिवार रात पांच लोग किए गए थे गिरफ्तार
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों समेत पांच लोगों को शनिवार रात हावड़ा के पंचला-रानीहाटी मोड़ पर गिरफ्तार किया गया था। उनकी गाड़ी से करीब 48 लाख रुपये बरामद हुए थे। तीनों विधायकों- राजेश कच्छप, नमन बिक्सल कोंगारी और इरफान अंसारी से राज्य पुलिस को पैसे के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। कार चालक चंदन कुमार और कांग्रेस नेता कुमार प्रतीक को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद तीनों विधायकों को कांग्रेस से निलंबित भी कर दिया गया
अदालत से सीआइडी जांच रोकने की मांग
इस घटना में 'बड़ी साजिश' होने का दावा करते ममता सरकार ने जांच सीआइडी को सौंप दी। इसी सीआइडी जांच के खिलाफ तीनों विधायकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट से अपील की कि सीआइडी जांच को तत्काल स्थगित कर दें। यदि आवश्यक हो तो मामले की जांच सीबीआइ या किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंप दी जाए। वादी पक्ष के वकीलों का दावा है कि जांच को राजनीतिक रूप से प्रभावित किया जा रहा है। सियासी रंग दिखने लगा है।
प्राथमिकी की कापी नहीं देने का आरोप भी
एफआइआर की कापी भी नहीं दी जा रही है। इसे राज्य पुलिस की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं किया गया है। सीआइडी जांच में उचित न्याय मिलना संभव नहीं है, वादी के वकीलों ने कहा, काला धन अधिनियम और आयकर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। सीआइडी को इस मामले की जांच का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को तय की गई है। गुरुवार को सरकारी अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे।


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