जमशेदपुर न्यूज़: झारखंड सरकार की ओर से कृषि कर विधेयक लाने के विरोध में व्यापारियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. खाद्यान्न व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें. बंद समर्थक सड़कों पर भी उतरे और खुली दुकानों को बंद कराया. बंदी के पहले दिन जमशेदपुर समेत पूरे कोल्हान में करीब 20 करोड़ से अधिक का खाद्यान्न व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान है.
बंदी में खुदरा और थोक दोनों तरह के व्यापारी शामिल हैं. व्यापारियों ने सरकार से दो प्रतिशत मंडी कर वापस लेने की मांग की. परसूडीह कृषि बाजार समिति (मंडी), जुगसलाई बाजार, बिष्टूपुर, साकची, कदमा, सोनारी बर्मामाइंस, टेल्को, बारीडीह, मानगो, डिमना समेत अन्य क्षेत्रों में खाद्यान्न व्यवसाय ठप रहा. दूसरी ओर, सरायकेला एवं पश्चिमी सिंहभूम में भी बंदी का प्रभाव देखने को मिला.
फल दुकानदारों ने किया नैतिक समर्थन परसूडीह मंडी के में फलों की दुकानें खुली रही. दुकानदारों ने कहा कि महाशिवरात्रि के कारण अधिक माल स्टॉक कर लिया गया. फल खराब न हो इसलिए दुकानें खोल रखी है. बंदी को उनका नैतिक समर्थन है. वे आंदोलन में शामिल होंगे. दुकानदारों ने कहा कि कृषि कर से सभी तरह के खाद्यान्न महंगे हो जाएंगे. बंदी की वजह से ठेले, रेहड़ी और छोटे वाहन वालों की कमाई भी प्रभावित हुई है.
साकची चक्की लाइन से लेकर परसूडीह मंडी तक इसका प्रभाव देखने को मिला. माल वाहकों का प्रतिदिन खाद्यान्न की ढुलाई कर गुजारा चलता है, लेकिन साकची बाजार व मंडी में वे भी दुकानों के खुलने का इंतजार करते दिखे. उन्होंने कहा कि यदि बंदी लंबी चली, तो उनकी जीविका प्रभावित होने लगेगी.
आंदोलन हमारी मजबूरी चैंबर
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि व्यापारियों का काम सड़क पर उतर कर आंदोलन करना नहीं है, बल्कि व्यापार के माध्यम से रोजगार बढ़ाना है. अपने साथ कर्मियों के परिवार का भरण-पोषण और कर के माध्यम से राष्ट्र के विकास में योगदान करना है. इसके बावजूद दो प्रतिशत कर लगा कर आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है.