झारखंड
बोकारो : जिला सूखे की चपेट में, किसानों-मजदूरों के लिए होगा रोजगार सृजन
Renuka Sahu
4 Sep 2022 6:28 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट :lagatar.in
जिला एक बार फिर सूखे की चपेट में आ गया है. यहां किसानों के लिए स्थिति गंभीर हो गई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला एक बार फिर सूखे की चपेट में आ गया है. यहां किसानों के लिए स्थिति गंभीर हो गई है. दो जून की रोटी के लिए भी उन्हें मोहताज होना पड़ेगा. मजबूर किसानों और मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार राहत देने की योजना बनाई है. इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिन प्रखंडों को सूखाग्रस्त श्रेणी में रखा गया है, उन प्रखंडों में विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है. कृषि, पशुपालन, सिंचाई, ग्रामीण विकास, मनरेगा और पेयजल समेत अन्य कई क्षेत्रों में योजना बनाकर इसका लाभ देना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए एक विशेष बैठक भी बुलाई गई है.
सरकारी योजनाओं को गति दी जायेगी
डीसी ने बताया कि सरकार मजदूरों एवं बेरोजगारों को रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की थी. इस योजना मद से लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. खासतौर पर मनरेगा द्वारा कच्ची सड़क, तालाब का निर्माण, डोभा का निर्माण किया जाएगा. इसमें लोग मजदूरी कर अपनी जरूरतें पूरी करेंगे. उन्होंने कहा कि रोजगार के सृजन भी इस मद से होगा. सरकार संचालित योजनाओं को गति प्रदान की जाएगी. डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़क निर्माणे में लोगों को लगाया जायेगा, इसमें आधुनिक संसाधनों का उपयोग नहीं किया जाएगा.
पेयजल और चारा उपलब्ध कराने पर जोर
उपायुक्त ने बताया कि सरकार ने कृषि के साथ-साथ पेयजल एवं पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. राज्य के किसानों और मजदूरों का पलायन रोकने का भी निर्देश मिला है. रोजगार सृजन का माध्यम मनरेगा योजना को बनाया जाएगा. इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं ताकि मजदूरों के सामने किसी तरह का कोई संकट उत्पन्न ना हो. बोकारो का समग्र विकास तथा ग्रामीण इलाकों में उत्पन्न जल संकट को भी डोभा निर्माण एवं तालाब निर्माण के माध्यम से दूर किया जाएगा. इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. डीसी ने बताया कि तालाब तथा डोभा निर्माण किए जाने से जल संचय होता है. जल संचय करने से पशुओं को पीने की पानी के साथ-साथ किसानों के खेतों के लिए भी पानी मिल जायेगा.
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