झारखंड

बीजेपी विधायक ढुलू महतो का जेल जाना लगभग तय, अदालत ने बरकरार रखी सजा

Renuka Sahu
25 Aug 2022 3:10 AM GMT
BJP MLA Dhulu Mahto almost certain to go to jail, the court upheld the sentence
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फाइल फोटो 

वर्दी फाड़ने के मामले में बाघमारा विधायक ढुलू महतो की सजा बहाल से पूर्व तीन अन्य मामलों में उन्हें निचली अदालत से सजा हो चुकी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्दी फाड़ने के मामले में बाघमारा विधायक ढुलू महतो की सजा बहाल से पूर्व तीन अन्य मामलों में उन्हें निचली अदालत से सजा हो चुकी है। इन मामलों में उन्हें एक-एक साल की सजा हुई थी। इनमें से एक मामले में अपील के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से सजा बहाल रखी गई, जबकि बाकी दोनों मामलों में सेशन कोर्ट ने विधायक को बरी कर दिया था। तीनों ही मामले सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और पुलिस से उलझने से संबंधित थे।

बुधवार को जिस केस में सजा बहाल हुई, वह केस 12 मई 2013 को बरोरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी के लिखित आवेदन पर कतरास थाने में दर्ज हुई थी। आरोप था कि बरोरा पुलिस एक मामले में वारंटी राजेश गुप्ता को पकड़ने उसके घर कतरस पहुंची थी। इस बीच बाघमारा विधायक ढुलू अपने अन्य समर्थकों के साथ पहुंचे और पुलिस पार्टी को घेर लिया।
पुलिसकर्मियों के साथ गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और मारपीट की। वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाया और पुलिस की वर्दी फाड़ी। इस मामले में भाजपा विधायक ढुलू समेत पांच लोगों की अपील बुधवार को एमपी-एमएलए के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने खारिज कर दी। इस फैसले के बाद ढुलू का जेल जाना तय माना जा रहा है।
बिना आत्मसमर्पण नहीं दे सकेंगे फैसले को चुनौती
कानूनविद् की मानें, तो बिना आत्मसमर्पण (सरेंडर सर्टिफिकेट) के विधायक या अन्य आरोपी सेशन कोर्ट के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दे सकेंगे। यानी ढुलू महतो को हाईकोर्ट जाने से पूर्व सरेंडर करना पड़ेगा। हाईकोर्ट में फैसले को देंगे चुनौती ढुलू महतो के वकील सविता कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश को वे लोग उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। उच्च न्यायालय में रिवीजन दाखिल करने के लिए उनके पास 90 दिनों का समय है। बता दें कि निचली अदालत में मिली सजा के बाद आरोपियों को अपील बेल पर मुक्त कर दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट में चुनौती देने से पूर्व सभी दोषियों को जेल जाना होगा।
इन मामलों में पहले हुई थी सजा
- 12 जुलाई 2018 को ढुलू सहित आठ लोगों को एक साल की सजा हुई थी। आरोप था कि समर्थक वकील महतो की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद 2006 में विधायक के नेतृत्व में आरोपियों ने हंगामा किया था। सरकारी काम में बाधा पहुंचाई और तत्कालीन बीडीओ के साथ धक्का-मुक्की की। इस मामले में सेशन कोर्ट ने एक सितंबर 2018 को अपील मंजूर कर ढुलू को राहत दी थी।
- 20 जनवरी 2016 को निचली अदालत ने ढुलू को एक साल की सजा सुनाई थी। 26 दिसंबर-2006 को उत्पाद निरीक्षक रामलीला रवानी ने बाघमारा के बरोरा थाना क्षेत्र में अवैध रूप से विदेशी शराब बेचने का मामला पकड़ा था। विधयाक ने आरोपी को हिरासत से छुड़ा लिया था। 16 फरवरी-2016 को सेशन कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बहाल रखा था।
- 25 फरवरी-2016 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर ने ढुलू महतो को एक साल की सजा सुनाई थी। 18 अक्तूबर-2005 को महुदा पुल के पास बिहारी यादव नामक व्यक्ति का शव मिला था। आरोप था कि पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रही थी। इस बीच ढुलू महतो अपने समर्थक के साथ वहां पहुंचे और पुलिस जीप पर हमला कर दिया था।
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