झारखंड

बैंकों की बड़ी लापरवाही: हजारीबाग में करीब 15 बैंकों के 100 से अधिक एटीएम हैं, लेकिन अधिकांश की सुरक्षा भगवान भरोसे

Renuka Sahu
26 May 2024 6:27 AM GMT
बैंकों की बड़ी लापरवाही: हजारीबाग में करीब 15 बैंकों के 100 से अधिक एटीएम हैं, लेकिन अधिकांश की सुरक्षा भगवान भरोसे
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हजारीबाग जिले में करीब 15 बैंकों के 100 से अधिक एटीएम हैं, लेकिन अधिकांश की सुरक्षा भगवान भरोसे है.

हजारीबाग: हजारीबाग जिले में करीब 15 बैंकों के 100 से अधिक एटीएम हैं, लेकिन अधिकांश की सुरक्षा भगवान भरोसे है. बैंकों द्वारा एटीएम की सुरक्षा को लेकर सतर्कता नहीं बरती जा रही है, जबकि एटीएम पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता बैंक की होती है, लेकिन अधिकांश बैंकों की ओर से यह कार्य सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया जाता है. यही कारण है कि विभिन्न बैंकों के अधिकांश एटीएम लावारिस हालत में नजर आते हैं. एटीएम सेंट्रललाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़े होने के कारण बैंकों ने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती करना भी बंद कर दिया है. 22 मई 2024 की रात शहर के सबसे व्यस्तम मार्ग चौक इंद्रपुरी के निकट स्थित एसबीआई के एटीएम में हुई चोरी की घटना इसी लापरवाही का नजीता है. इसके पूर्व भी शहर में एमटीएम में तोड़फोड़ की घटनाएं हो हो चुकी है, लेकिन इससे भी कोई सबक बैंकों द्वारा नहीं लिया गया है. यहां तक की एटीएम का मेंटेनेंस भी बंद करा दिया गया है. एटीएम में एयरकंडीशन खराब हालत में बंद पड़े हुए हैं, दरवाजों के इलेक्ट्रानिक सिस्टम मी खराब हो चुके हैं. जिन्हें ठीक करने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही है. यहां तक की सीसीटीवी बंद है या चालू इस पर ध्यान नहीं है.

कई एटीएम में कैमरे और एलार्म खराब
शहर में पूर्व में कई एटीएमों में तोड़फोड़ की घटनाएं हो चुकी है, फिर भी इनसे सबक नहीं लिया जा रहा है रात के समय भी कुछ एटीएम खुले पड़े रहते है, तो कुछ आवारा मवेशी की पनाहगाह बन जाते हैं. सुरक्षाकमी नहीं रहने से वारदात होने का अंदेशा बना रहता है. बैंक परिसर में स्थित एटीएम बूथ में सिक्योरिटी गार्ड रहता है इसके अलावा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों, ग्रामीण क्षेत्र और सड़क किनारे स्थित एटीएम बूथ में सिक्योरिटी गार्ड नहीं है. अधिकतर एमटीएम का सीसीटीवी कैमरा और अलार्म खराब है.
पहले की घटनाओं से नहीं लिया सबक
आपको बता दें कि हजारीबाग जिले में तीन महीने के अंदर एटीएम से रुपये चोरी की दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. अपराधी बड़े बैंकों को निशाना बनाते हैं. पहली घटना 12 फरवरी 2024 को पदमा ओपी क्षेत्र रोमी स्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम को अपराधी उखाड़ ले भागे थे. एटीएम में 20 लाख 92 हजार रुपये था. इस एटीएम बूथ में न तो सिक्योरिटी गार्ड था और न ही अलार्म बजा, अपराधी आसानी से एटीएम उखाड़ कर ले भागे. एटीएम से रुपये चोरी की दूसरी बड़ी घटना शहर के सबसे व्यस्तम मार्ग चौक इंद्रपुरी के निकट स्थित एसबीआई के एटीएम से अपराधियों ने 22 मई 2024 की रात 11 लाख चार हजार 50 रुपये चुरा ले गये. इस एटीएम में न तो सिक्योरिटी गार्ड था, न तो अलार्म बजा. अपराधी आसानी से रुपये चुरा ले गये. एसबीआई के एक-दो एटीएम पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहते है. जबकि अन्य बैंकों के एटीएम पर सुरक्षा कर्मी नहीं रहते हैं.
खर्चा कम करने के लिए सुरक्षा गार्ड हटाये
एमटीएम पर गाड़ों की तैनाती को लेकर बैंकों को खर्चा वहन करना पड़ता है. यही कारण है कि खर्च से बचने के लिए बैंकों ने गाडाँ की तैनाती करना बंद कर दिया है. अब सेंट्रललाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए एटीएम पर 24 घंटे नजर रखी जाती है. हालांकि एटीएम का उपयोग करने पर बैंक उभोक्ताओं से चार्जेस भी वसूल करती है. इसमें एटीएम की सुरक्षा पर खर्च होने वाला पैसा भी शामिल होता है, लेकिन गार्डों को रखने की जगह पूरा काम कैमरों की मदद से किया जा रहा है. बैंक पहले ही एटीएम का सुरक्षा बीमा करके रखती है ताकि लूट जैसी घटना होने पर बैंक को किसी प्रकार का नुकसान न हो.
एजेंसी के जिम्मे एटीएम में रुपये डालने का काम
हजारीबाग स्थित सभी एटीएम में रुपये डालने का काम कई एजेंसी करती है. रुपये डालनेवाली कंपनी को ही एटीएम की सुरक्षा का जिम्मा होता है. एटीएम में सीएमएस, एफआईएस, यूरोएपीएस, सीएम, हिटाइची के अलावा अन्य कंपनी रुपये डालने का काम करती है. सभी कंपनी विभिन्न बैंकों से टेग रहते हैं. एक कंपनी के फील्ड ऑफिसर ने बताया कि कंपनियों द्वारा एटीएम में रुपये डाले जाते हैं. ग्राहकों द्वारा एटीएम से रुपये निकासी कर लेने के बाद बैंक से वह कंपनी रुपये लेती है.


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