रांची: झारखंड पुलिस ने एक अपह्रत बीआईटी मेसरा कर्मी को सकुशल मुक्त कराने के साथ ही तीन अपहरणकर्त्ता को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। रांची के सिटी एसपी अंशुमन कुमार ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 25 जुलाई को सदर थाना क्षेत्र के मेसरा ओपी से रिटायर्ड प्रो.सुप्रियो कुमार दास के लापता होने की सूचना उनके मकान मालिक की ओर से दी गयी। इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मामले की छानबीन शुरू की। सदर थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने तकनीकी टीम के सहयोग से एक आरोपी शंकर महतो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
ऐसे बरामद हुए अगवा प्रोफेसर
बाद में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अनगड़ा थाना क्षेत्र के राजा थाना गांव अंतर्गत जंगल में नवनिर्मित एस्वेटस के कमरे से अपह्रत सुप्रियो कुमार दास को सकुशल बरामद कर लिया। मौके से पुलिस ने दो अन्य अपहरणकर्त्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार, मोटरसाईकिल, चाकू और मोबाइल फोन को भी बरामद कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के समक्ष अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इनकी पहचान अनिल कुमार मिश्रा, भोला कुमार और शंकर महतो के रूप में की गयी है।
बीआईटी मेसरा के स्टाफ ने ही करवाया प्रोफेसर को अगवा
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी शंकर महतो बीआईटी मेसरा में ही चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है। इस वजह से काफी जान पहचान थी। योजना के तहत विगत 19 जुलाई को शंकर अपने घर खाने पर सुप्रियो कुमार दास को बुलाया। घर से निकलने के बाद काली मंदिर तक पैदल साथ ले गया। वहां कार में अनिल कुमार मिश्रा और भोला कुमार पहले से ही मौजूद थे। दोनों के आग्रह पर सुप्रियो कुमार और शंकर गाड़ी पर बैठ गये। इसके बाद अनगड़ा थाना क्षेत्र के राजाडेरा गांव स्थित नवनिर्मित एसबेस्टस के रुम में कैद कर दिया गया।
बताया गया है कि प्रो. सुप्रियो दास विवाहित नहीं थे और वे किराये के मकान में अकेले ही रहते थे, उन्हें डरा-धमका कर एटीएम और पासबुक की जानकारी मांगी गयी। इसके बाद भोला कुमार सुप्रियो दास के घर पहुंचकर एटीएम और चेकबुक निकाला। साथ ही उसके खाते से लाखों रुपये की निकासी कर ली। हालांकि कितनी राशि की निकासी हुई है, पुलिस इसकी छानबीन में जुटी में है।