झारखंड सरकार के सामने प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की बड़ी चुनौती
राँची न्यूज़: झारखंड सरकार के वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट से राज्य को बड़ी उम्मीदें हैं. सरकार से राज्य में प्रति व्यक्ति आय, निवेश, जीएसडीपी और खपत में वृद्धि के नए आयाम की अपेक्षा की जा रही है. झारखंड सरकार के सामने प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की चुनौती है. अभी झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 85485 रुपए है. जबकि देश की प्रति व्यक्ति आय 1.51 लाख रुपए है.
राज्य में गरीबी का अनुपात 46.16 (2021-22) के आर्थिक पूर्व सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक है. इसमें ग्रामीण 48.27 प्रतिशत तथा शहरी 44.24 प्रतिशत है. आर्थिक मामलों को जानकारों का कहना है कि आगामी बजट के माध्यम से सरकार को उपर्युक्त चुनौतियों से निपटना होगा. राज्य में बजट के बेहतर परिणाम के लिए सहभागी कार्य संस्कृति और भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार की जरूरत है.
बजट पूर्व संगोष्ठी में कई बातें सामने आयीं राज्य सरकार के बजट पूर्व संगोष्ठी में वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया है कि राज्य की राजस्व प्राप्तियों का बड़ा हिस्सा अर्थात 43842 करोड़ रुपए चालू वित्तीय वर्ष में स्थापना मद में खर्च हो रहा है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि यहां की प्रति व्यक्ति आय देश की औसत आय से 40 प्रतिशत कम है. कुल राजस्व प्राप्तियों का 27 प्रतिशत केंद्र से और 25 प्रतिशत राज्य के अपने करों से आता है. प्राप्तियों में 14 प्रतिशत गैर कर राजस्व खनिज (2022-23 में 9680 करोड़ रुपए) आता है. इसका लब्बोलुआब यह है कि प्राक्कलित बजट की शेष अर्थात 34 प्रतिशत राशि केंद्रीय सहायता और ऋण उधार में दिया जाता है.
इन खर्चों के लिए राजस्व प्राप्तियां मद में अपना कर 24850 करोड़ रुपए, गैर कर मद में 13762 करोड़ रुपए, केंद्रीय सहायता मद में 17405 करोड़ रुपए तथा केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से 27006 करोड़ रुपए की प्राप्ति संभावित है.
इसके अलावा सरकार ने वर्ष 2022-23 में 18075 करोड़ रुपए उधार और अग्रिम वसूली से राजस्व प्राप्ति की उम्मीद जतायी है.