बीसीसीएल ने मामले में कोयला मंत्रालय को लिखने का निर्णय लिया
धनबाद न्यूज़: बीसीसीएल एफडी की हुई बैठक में विस्थापितों को झरिया पुनर्वास के तहत बेलगड़िया में आवंटित आवास का मालिकाना हक के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. चर्चा के बाद एफडी ने मामले में कोयला मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगने का निर्णय लिया है.
मंत्रालय से मंजूरी मिलने पर ही विस्थापितों को आवास का मालिकाना हक या 99 साल के लीज पर आवास दिया जा सकेगा. बिना मालिकाना हक के विस्थापित बेलगड़िया में बसने को तैयार नहीं हैं. जिन्हें बसाया गया है, उनमें भी मालिकान हक नहीं मिलने से नाराजगी है. जेआरडीए की ओर से बीसीसीएल से कहा गया है कि जब तक विस्थापितों को आवास का मालिकाना हक नहीं मिलेगा, पुनर्वास में परेशानी होगी. मालूम हो कि बीसीसीएल की जमीन पर बेलगड़िया में आवास बना है. हजारों विस्थापितों को आवास आवंटन हो गया है, लेकिन अब भी बने आवास वाली जमीन बीसीसीएल के नाम पर है. इसलिए मालिकाना हक देने में तकनीकी परेशानी है. मंत्रालय से स्वीकृति मिल जाती है तो बीसीसीएल विस्थापितों को आवास का मालिकाना हक या 99 साल का लीज दे सकती है.
एफडी में कई और महत्वपूर्ण निर्णय
● बीसीसीएल नर्सिंग स्कूल के नर्सिंग इंटर्न का मानदेय पांच हजार से बढ़ा कर दस हजार करने को मंजूरी दी गई. वहीं सेंट्रल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी को देखते हुए सीएचडी में जिन इंटर्न नर्सिंग की सेवा ली जा रही है, उन्हें मार्च तक अवधि विस्तार दिया गया.
● बरोरा एरिया में 128 परिवारों को 56 लाख का मुआवजा मिलेगा. ये परिवार जिस जमीन पर रहते हैं, वह सीएनटी के दायरे में है. फिलहाल जमीन लेना संभव नहीं. इन 128 परिवारों के कारण ब्लास्टिंग नहीं हो पा रही है. इन्हें घर बनाने के लिए 56 लाख दिया जाएगा ताकि खनन कार्य बाधित नहीं हो.
● पहली विवाहित (कतरास एरिया) बेटी को बीसीसीएल में अनुकंपा के आधार पर नियोजन देने संबंधी प्रस्ताव को एफडी ने स्वीकृति दी. वर्तमान में बेटा अथवा अविवाहित बेटी को ही अनुकंपा पर नौकरी मिलती रही है. उक्त मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग तक पहुंची थी.