झारखंड

वाणिज्य कर विभाग के बकाएदारों की सूची में बीसीसीएल, सीसीएल, टाटा मोटर्स, एसीसी भी

Admin Delhi 1
2 May 2023 11:47 AM GMT
वाणिज्य कर विभाग के बकाएदारों की सूची में बीसीसीएल, सीसीएल, टाटा मोटर्स, एसीसी भी
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राँची न्यूज़: वाणिज्य कर विभाग ने राज्य के 1657 बकाएदारों की सूची तैयार की है. इन पर 272 करोड़ 52 लाख रुपए बकाया है. बकाएदारों की सूची में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल), टाटा मोटर्स, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और एसीसी लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. विभाग इस राशि की वसूली के लिए प्रयास कर रहा है. अधिकारियों की मानें तो कई संस्थान राशि जमा कराने की दिशा में पहल कर रहे हैं.

बकाएदारों की सूची में सिर्फ बीसीसीएल के विभिन्न एरिया के 49 मामले लंबित हैं. यहां लगभग 26 करोड़ रुपए बकाया है. इस पैसे के सेटलमेंट की दिशा में प्रयास चल रहा है. इसके अलावा सीसीएल, टाटा मोटर्स, नुवोको विस्टास कॉरपोरेशन आदि बड़े बकाएदार हैं. सीसीएल के 52, टाटा मोटर्स के 15 और नुवोको विस्टास कॉरपोरेशन के 24 मामले लंबित हैं. मामलों की संख्या के हिसाब से तीन बड़े बकाएदारों में टाटा मोटर्स पहले, सीसीएल पिपरवार दूसरे और बीसीसीएल तीसरे नंबर पर है.

कर समाधान योजना से हो रहा निष्पादन

इस बड़े बकाया को निष्पादित करने के लिए वाणिज्य कर विभाग ने झारखंड कर समाधान योजना शुरू कर रखी है. इसके तहत बकाएदारों को कई तरह की रियायत दी जा रही है. इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 दिन बढ़ा कर 31 मई 2023 कर दी गई है. अधिकारियों की मानें तो झारखंड कर समाधान योजना के तहत बीसीसीएल समेत कई बकाएदार मामले के निष्पादन के लिए आवेदन दे रहे हैं. यह प्रक्रिया जारी है.

● वाणिज्य कर विभाग राशि की वसूली के लिए कर रहा प्रयास

● कई संस्थान भी राशि जमा कराने की दिशा में कर रहे पहल

97.38 करोड़ रु. के सेटलमेंट का ऑफर

झारखंड कर समाधान योजना के तहत विभिन्न संस्थाओं ने अब तक 97 करोड़ 38 लाख 66 हजार 40 रुपए के सेटमेंट के लिए ऑफर किया है. इसमें विभाग को अब तक 84 करोड़ 50 लाख 47 हजार 787 रुपए का पेमेंट भी हो चुका है. बाकी की प्रक्रिया चल रही है.

झारखंड कर समाधान योजना के तहत सभी बड़े बकाएदारों से मामला सेटल करने को कहा गया है. बीसीसीएल समेत कई संस्थान इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं. काफी संस्थानों ने आवेदन भी किया है. संस्थानों के आग्रह पर ही आवेदन करने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाई गई है.

- अखिलेश शर्मा, अपर आयुक्त (प्रशासन) वाणिज्य कर विभाग

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