बांग्लादेश-बंगाल का सिंडिकेट रांची में खपा रहा नकली नोट, अफीम की खरीदारी में इस्तेमाल होते हैं नकली नोट
राँची न्यूज़: राजधानी रांची में बड़े पैमाने पर नकली नोट का कारोबार चल रहा है. रांची और आसपास के ग्रामीण इलाकों के एक दर्जन से अधिक लोग नकली नोट के अवैध धंधे से जुड़े हैं. रांची में बांग्लादेश और बंगाल से नकली नोट की खेप पहुंचती है.
रांची पुलिस ने रातू से बीते 20 जून को मो शोहराब को गिरफ्तार किया था. उसके पास से चार लाख के नकली नोट मिले थे. उसने बताया कि नकली नोट से अफीम खरीदते हैं. वह चतरा से नकली नोट लेकर खूंटी जा रहा था. खूंटी में इस नोट से दस किलो अफीम की खरीदारी करने वाला था. उसने बताया कि गिरोह में रांची, खूंटी, चतरा, हजारीबाग आदि जिले के अपराधी शामिल हैं.
असली नोट देकर दोगुना नकली लेने का धंधा अगस्त 2015 में चुटिया पुलिस ने रेलवे स्टेशन के समीप से राजेन्द्र प्रसाद साहू को पकड़ा था. उसने एक व्यक्ति से 70 हजार रुपए में 1.50 लाख के नकली नोट लिए थे. रुपए मिलने के बाद ही वह पकड़ा गया. नकली नोट झारखंड में खपाने थे.
जानिए कैसे जुड़ रहे रांची से नकली नोट के सिंडिकेट के तार
● दिल्ली पुलिस ने पिठोरिया से 22 अगस्त 2022 को मो तसव्वर अंसारी को गिरफ्तार किया था. उसके पास से तीन लाख 97 हजार रुपए के नकली नोट मिले थे.
● वाराणसी में वर्ष 2015 में पाकिस्तान में छपे 1.15 लाख रुपए के नकली नोट के साथ दो तस्कर पकड़े गए थे. इनमें रांची के नेजाम नगर का दानिश अंसारी और जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र निवासी सत्तार अंसारी पकड़े गए थे. एटीएस को सूचना मिली थी कि वाराणसी, जौनपुर और आजमगढ़ के कुछ लोग रांची से नकली नोट मंगा रहे हैं.
● एनआईए एटीएस की संयुक्त टीम ने नकली नोट के मुख्य धंधेबाज उत्तम कुमार को धनबाद से गिरफ्तार किया था. उसके पास से झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी नकली नोट का धंधा कर रहे लोगों के नंबर मिले हैं.
● ओडिशा से 26 मई 2016 को 10 लाख जाली नोट के साथ सुशांत साहू पकड़ाया. जांच के बाद इस मामले में रांची से अशोक नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया.