पति की नौकरी चली जाने पर चाय एवं पकौड़ा की रेड़ी लगाने को मजबूर हुई बीए ऑनर्स पत्नी
गोड्डा। झारखंड में एक ऐसी महिला की कहानी सामने आई है , जिसने पति की नौकरी चले जाने पर चाय पकौड़े की रेड़ी लगाई। हैरानी वाली बात यह है कि महिला ने डिग्री ली, नौकरी भी ली इसके बावजूद वह आज सड़क पर पकौड़े व चाय बेचने को मजबूर है। जानकारी के अनुसार, मामला गोड्डा जिले का है, जहां की रहने वाली नीलम देवी दिव्यांग पति की नौकरी चले जाने के बाद उनका साथ देते हुए घर और 3 बच्चों को संभालती हैं। नीलम ने बताया कि उनके पति विभीषण दास दिव्यांग है जो कि 14वें वित्त आयोग के तहत काम करते थे, लेकिन सरकार ने यह कहकर उनको नौकरी से हटा दिया कि उनका कार्यकाल 5 साल का ही था।
महिला ने आगे बताया कि उसके पति शुरू से ही दिव्यांग नहीं थे, एक दुर्घटना में उनके पैर की हड्डी टूट गई थी जिस कारण स्टील की रॉड लगाई गई थी पर वह कामयाब नहीं हुई, वहीं अब दोबारा इलाज के लिए करीब 3 से 4 लाख की जरूरत है। नीलम ने आगे बताया कि उसने बीए आॉनर्स किया है और वह पंचायत स्वयंसेवक है। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों की टैगिंग करती है। टैगिंग करने पर उसे 1200 रुपए मिलते हैं लेकिन इससे उसके घर का गुजारा मुश्किल से हो रहा था इसलिए उसने रेड़ी लगाने का निर्णय लिया। बताते चलें कि नीलम के साथ उनकी बहन प्रियंका ने भी बी.कॉम किया हुआ है वह भी अपनी बहन के साथ रेड़ी पर काम करती है व अपना घर चलाती है।