![एटीएस ने अलकायदा संदिग्धों के दस्तावेज अदालत में किए पेश एटीएस ने अलकायदा संदिग्धों के दस्तावेज अदालत में किए पेश](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/01/24/2471181-8931f257e24f15510ff7a33f23bfe476.webp)
जमशेदपुर न्यूज़: आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अदालत में कुछ दस्तावेजों को अलकायदा से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए अदालत में पेश किया है. इनमें कुछ साहित्य हैं, जिसमें अलकायदा इंडियन सब कांटीनेंट (एक्यूआईएस) को संचालित करने की बातें हैं.
साथ ही इसके लिए किस तरह से लागों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है, वह सब किताब में है. इसके अलावा एक मोबाइल और एक चिप को भी कोर्ट में पेश किया गया. इसे एडीजे वन की अदालत में पेश किया गया.
रांची से आई एक टीम इसके लिए एटीएस रांची से इंस्पेक्टर दिलीप कुमार के नेतृत्व में एक टीम कोर्ट आई थी. मामला धतकीडीह से गिरफ्तार अलकायदा के संदिग्ध आरोपी अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मोनू और मानगो के नसीम अख्तर उर्फ राजू से जुड़ा है.
मसूद के घर से मिली थी पिस्तौल मामले को लेकर पहले बिष्टूपुर थाने के तत्कालीन पुलिसकर्मी हीरा यादव का बयान दर्ज कराया गया. हीरा यादव ने कोर्ट में पूरे मामले का समर्थन करते हुए गवाही दी थी कि जब मसूद के घर पर छापेमारी हो रही थी, उस समय छापेमारी टीम में वे भी शामिल थे. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मसूद के घर से 9 एमएम की लोडेड देसी पिस्तौल, पांच जिंदा गोली, मोबाइल, किताब, मोबाइल की चिप, उर्दू की किताब और कई पेपर कटिंग बरामद की गई थी. लिहाजा उन सामान को अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया था. इसमें पिस्तौल व गोली को पहले ही पेश किया जा चुका है.
25 जनवरी 2016 को दोनों हुए थे गिरफ्तार: 25 जनवरी 2016 को जमशेदपुर से अलकायदा के दो संदिग्ध, धतकीडीह के अहमद मसूद उर्फ मोनू और मानगो के राजू उफ नसीम अख्तर को जाकिरनगर रोड नंबर 6 से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद एटीएस झारखंड की टीम ने भी जमशेदपुर आने के बाद दोनों से पूछताछ की थी. उसके बाद यह मामला एटीएस ने अपने अधीन कर लिया था व न्यायिक प्रक्रिया एटीएस की प्रस्तुति के आधार पर ही चल रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ओडिशा से अब्दुल रहमान कटकी उसके बाद हरियाणा के मेवात से जमशेदपुर के अब्दुल सामी को गिरफ्तार किया था. सामी से मिले सुराग के बाद ही धतकीडीह निवासी अहमद मसूद और मानगो के नसीम अख्तर को गिरफ्तार किया गया था. इनपर आरोप है कि कटकी से प्रेरित होने के बाद 2003 से आतंकी संगठन के लिए काम कर रहे थे.