झारखंड

सीएम के खिलाफ याचिका खारिज करने की दी दलील

Admin Delhi 1
19 May 2023 10:46 AM GMT
सीएम के खिलाफ याचिका खारिज करने की दी दलील
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राँची न्यूज़: सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन लीज देने की याचिका को सरकार ने सुनवाई योग्य नहीं बताया है सरकार की ओर से इसका जवाब दाखिल किया गया सरकार का पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया गया कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज कर दी गयी है इस याचिका में भी वही सब बातें हैं, जिसे खारिज किया जा चुका है

प्रार्थी सुनील कुमार महतो की ओर से सरकार की दलील का विरोध किया गया सरकार की दलील पर जवाब दाखिल करने की बात कही इस पर चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने प्रार्थी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 16 जून को निर्धारित की

बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि सीएम हेमंत सोरेन ने खनन मंत्री रहते हुए खुद और अपने रिश्तेदारों को खनन लीज दिया है प्रार्थी का आरोप है कि सीएम ने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया है

खुद मंत्री रहते उन्होंने अपने नाम माइनिंग लीज ली अनगड़ा में हेमंत सोरेन ने खुद के नाम से खनन पट्टा आवंटन कराया था इसके अलावा उनके परिवार के नाम से कई जगहों पर जमीन भी आवंटित किया गया है

जिस मामले में क्लीन चिट मिली है, उसपर दोबारा सुनवाई नहीं हो सकती

सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान कहा गया कि इस तरह की याचिका दायर कर अदालत का समय बर्बाद किया जा रहा है जिन आरोपों को खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी को क्लीन चिट दी है, उसी मामले की दोबारा हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती ऐसी ही याचिका को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई योग्य नहीं माना है इस याचिका में प्रार्थी का नाम बदला है शेष सभी वही है इस कारण याचिका खारिज कर देनी चाहिए

पूर्ण जानकारी के आधार पर दायर हुई है याचिका प्रार्थी

प्रार्थी सुनील कुमार महतो की ओर से कहा गया कि पहले की याचिका नियमों का पालन किए बिना फाइल की गयी थी प्रार्थी ने अपना क्रेडेंसियल नहीं बताया था, इसलिए उसे सुनवाई योग्य नहीं माना गया था लेकिन, इस मामले के प्रार्थी ने अपना क्रेडेंशियल भी बताया है सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के आधार पर याचिका दायर की है, इसलिए दोनों याचिकाएं एक समान नहीं मानी जा सकती

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