झारखंड

CS के आदेश के बाद भी नहीं कर रहे हैं खाली

Admin4
21 July 2022 10:56 AM GMT
CS के आदेश के बाद भी नहीं कर रहे हैं खाली
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गिरिडीह. झारखंड के गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड के नौवडीहा स्थित सरकारी अस्पताल हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में पिछले कई महीनों से दवाइयां उपलब्ध नहीं है. लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है. वहीं दूसरी ओर इस अस्पताल पर दवाई टेलीमेडिसिन का जबरन कब्जा है. टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट को राज्य सरकार के द्वारा पिछले वर्ष ही निरस्त कर दिया गया है. इतना ही नहीं जिला सीएस शिव प्रसाद मिश्रा ने आदेश देकर सरकारी अस्पताल पर कब्जे को खाली करने को कहा है. बावजूद इसके टेली मेडिसिन डिपार्टमेंट सुनने को तैयार नहीं है.

बता दें, टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट एक तो दवाइयां नहीं रखते और जबरन सरकारी अस्पताल में कब्जा किए हैं, वहीं दूसरी ओर दवाई भी नहीं रखते जिससे लोगों को दिक्कतें होती हैं जब गांव के प्रधान या कोई व्यक्ति इसकी शिकायत करता है तो उसे टेलीमेडिसिन के स्टाफ के द्वारा बदतमीजी और धमकी दी जाती है.

राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही किया था निरस्त

इस मामले को लेकर गिरिडीह सीएस शिव प्रसाद मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट को पिछले वर्ष ही राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है. जिसके बाद जिला सिविल सर्जन के तरफ से ऑफिशल नोटिफिकेशन जारी करके जहां जहां पर सरकारी अस्पतालों में टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट है उसे रूम खाली करने का आदेश दिया गया था. बावजूद नौवडीहा में टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट में जबरन कब्जा किए हुए हैं. अगर 1 महीने के अंदर इस जबरन कब्जे को नहीं हटाया जाता है तो पुलिस प्रशासन की मदद लेकर टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट को हटाया जाएगा.

मुखिया ने की धमकी देने की शिकायत

वहीं आपको बता दें कि मुखिया विनोद साव का कहना है कि पिछले कई महीनों से हमारे पंचायत के लोगों को दवाइयां नहीं मिल पा रही है, इलाज नहीं हो पा रहा है और जब इसकी शिकायत जनता ने मेरे पास की और हम निरीक्षण करने के लिए सरकारी अस्पताल आए तो टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट में कार्यरत स्टाफ ममता वर्मा के द्वारा बदतमीजी की गई. इतना ही नहीं टेलीमेडिसिन के तथाकथित डिस्टिक मैनेजर संजय सिंह से फोन करवा कर मुखिया को धमकी दिलवाया गया और संजय सिंह ने कहा कि बिना परमिशन का मुखिया या गांव का प्रधान अस्पताल में नहीं आ सकता है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन

वहीं सीएस का कहना है कि जनप्रतिनिधि को यह अधिकार है कि अपने गांव के लोगों की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित कराएं. अगर इसके लिए सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों या नर्सों की सहायता लेना पड़े तो ली जा सकती है. टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट के द्वारा की गई बदतमीजी और देख लेने की धमकी के खिलाफ मुखिया विनोद साव ने गिरिडीह जिला उपायुक्त और सिविल सर्जन को आवेदन देकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है.

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