समरी के जाति प्रमाणपत्र मामले में अपील दायर, सुरेश बैठा के समय लेने पर हाईकोर्ट नाराज
राँची न्यूज़: कांके विधायक समरीलाल के जाति प्रमाणपत्र के मामले में एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर की गयी है. कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश बैठा ने अपील याचिका दायर की है. हाईकोर्ट के एकलपीठ ने 31 जनवरी को समरीलाल के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने का आदेश रद्द कर दिया था. साथ ही सरकार को छूट प्रदान की थी कि वह चाहे तो नयी कमेटी का गठन कर दोबारा इसकी जांच करा सकती है.
विधायक समरीलाल के खिलाफ सुरेश बैठा ने शिकायत की थी कि वह झारखंड के निवासी नहीं बल्कि राजस्थान के मूल निवासी हैं. ऐसे में सरकार की ओर से जारी उनका जाति प्रमाणपत्र सही नही है. सुरेश बैठा की शिकायत के बाद कल्याण विभाग की छानबीन समिति ने जांच की थी और समरीलाल का जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ समरीलाल हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने समरीलाल के पक्ष में फैसला सुनाया. इस आदेश को सुरेश बैठा ने खंडपीठ में चुनौती दी है.
कांके विधायक समरी लाल के निर्वाचन की चुनौती देने के मामले में प्रार्थी सुरेश बैठा की ओर से बहस के लिए समय मांगे जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. जस्टिस संजय प्रसाद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 22 फरवरी को यदि बहस नहीं की गयी तो मामला आदेश पर चला जाएगा जबकि समरीलाल की ओर से समय मांगे जाने का विरोध किया गया. कहा गया कि सुरेश बैठा सुनवाई से भाग रहे हैं, मामले में दोनों पक्षों की गवाही पूरी हो गई है, अब सिर्फ बहस होना बाकी है.
अदालत को बताया गया कि समरीलाल की ओर से गवाही जारी रखने को लेकर जो एसएलपी दाखिल की गई थी, वह सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है, इसलिए अब इस मामले में और गवाही भी नहीं होनी है. यह भी बताया गया कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र रद्द किए जाने के जाति छानबीन समिति के आदेश को पिछले दिन रद्द कर दिया है, ऐसे में अब इस मामले में कुछ नहीं बच रहा है. इसलिए मामले में बहस पूरी कर जल्द फैसला सुनाया जाना चाहिए.